किसानों के भारत बंद के बीच एक बड़ा डेवलपमेंट हुआ है। गृह मंत्री अमित शाह ने शाम 7 बजे किसानों को मिलने के लिए बुलाया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने यह जानकारी दी है। टिकैत ने कहा, ‘हम अभी सिंघु बॉर्डर जा रहे हैं, वहां से गृह मंत्री से मीटिंग के लिए रवाना होंगे।’ उधर, किसानों ने 4 घंटे चक्काजाम के बाद अब सड़कों से हटना शुरू कर दिया है।
हरियाणा के CM ने कृषि मंत्री से मुलाकात की
किसानों की बुधवार को सरकार से छठे राउंड की मीटिंग भी होनी है। इससे पहले इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर जाकर मुलाकात की है। उधर, टिकरी बॉर्डर पर जुटे किसानों ने कहा है कि उन्हें कानून वापसी से कम कुछ मंजूर नहीं।
दिल्ली-UP हाईवे खाली होने लगा
किसानों ने 11 बजे से 3 बजे तक चक्काजाम का ऐलान किया था। ऐसे में अब दिल्ली-UP बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी सड़कों से हटने लगे हैं। सुबह जो 2 लेन बंद की गई थीं, उन्हें भी खोल दिया गया है।
AAP का आरोप- केजरीवाल नजरबंद किए गए
इस बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को घर में नजरबंद कर दिया है। उनके घर किसी को आने-जाने की परमिशन नहीं है। पुलिस ने इस आरोप को गलत बताया है। पुलिस ने कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री होने के नाते केजरीवाल जहां चाहें जा सकते हैं।
‘भाजपा और अमरिंदर किसानों को देश विरोधी घोषित करना चाहते हैं’
दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने कहा है कि भाजपा किसानों और केजरीवाल से परेशान है। केजरीवाल किसानों से मिलने सिंघु बॉर्डर गए तो भाजपा बेचैन हो गई। सिंघु बॉर्डर से लौटने के बाद से ही केजरीवाल को घर में नजरबंद कर रखा है। भाजपा को डर है कि केजरीवाल भारत बंद के समर्थन में उतर आएंगे और किसानों से बात करेंगे। भाजपा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से कुछ नहीं कहा, क्योंकि दोनों मिलकर किसानों को राष्ट्र विरोधी घोषित करना चाहते हैं।
टिकरी बॉर्डर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी
हरियाणा और दिल्ली के बीच टिकरी बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच कई लेयर की बैरिकेडिंग है। पुलिस ने सड़क पर सीमेंट के भारी स्लैब डालकर रास्ता बंद किया हुआ है। किसान शांति से प्रदर्शन कर रहे हैं। बॉर्डर से कई किलोमीटर पहले से ही पुलिस वाले मुस्तैद खड़े नजर आते हैं। उनके हाथों में लाठियां और आंसू गैस के गोले दागने वाली बंदूकें हैं।
‘कानून वापसी से कम कुछ मंजूर नहीं’
टिकरी बॉर्डर पर किसानों के मंच के पास भारी भीड़ है। दिल्ली को रोहतक से जोड़ने वाले इस हाईवे पर कई किलोमीटर तक ट्रैक्टर ट्रॉलियां ही खड़े हैं। सड़क के दोनों ओर किसान अपनी यूनियन के झंडे लिए नारेबाजी करते हुए चल रहे हैं। जितने भी किसानों से हमने बात की उनका यही कहना है कि तीनों कानून रद्द करने से कम वो किसी बात पर नहीं मानेंगे।
‘सरकार लिखित में दे, तभी मानेंगे’
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। जो लोग 2-3 घंटे के लिए बंद में फंस जाएंगे, हम उन्हें पानी और फल पहुंचाएंगे। उधर, गाजीपुर-गाजियाबाद (दिल्ली-UP) बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों का कहना है कि अगर सरकार कानून बना सकती है, तो वापस भी ले सकती है। सरकार को किसान संगठनों और एक्सपर्ट्स के साथ मिलकर काम करना चाहिए। हम तभी पीछा छोड़ेंगे, जब हमें अपनी मांगों पर लिखित में भरोसा मिलेगा।