संयुक्त अहीर रेजिमेंट मोर्चा के बैनर तले शुक्रवार को राजधानी रांची में जयपाल सिंह स्टेडियम से लेकर अल्बर्ट एक्का चौक तक विशाल मशाल जुलूस निकाला गया और सेना में अलग से अहीर रेजीमेंट बनाने की मांग की गई. इस मौके पर मोर्चा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि अहीर रेजिमेंट की मांग नई नहीं है.
भारतीय सेना में अहीरों का योगदान महत्वपूर्ण रहा है जिसमें 1857 की क्रांति में राव तुलाराम जी का योगदान, भारत चीन सीमा रेजांगला में 1962 की लड़ाई में 120 अहीर सैनिक ने जिस पराक्रम का परिचय देते हुए 1300 चीनी को मार भगाया था. इस युद्ध में 120 शहीद होने वालों में 114 अहीर सैनिक थे जिन्होंने लद्दाख को चीन के कब्जे में जाने से बचाया. इसी प्रकार भारत पाकिस्तान का युद्ध हो या भारत चीन का युद्ध सभी में यादव वीरों ने अपनी शौर्य का परिचय दिया है.
आज 23 सितंबर को 1857 के पहले शहीद राव तुलाराम जी की शहीदी दिवस भी है. आज पूरे भारत में अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन और जुलूस निकाला जा रहा है. अहीर रेजिमेंट की मांग को लेकर राजस्थान के खेड़की दौला में समाज के लोग 7 महीने से अनशन पर बैठे हैं. इस बार अगर हमारी मांग नही मानी गयी तो आगे पूरे देश में और भी उग्र प्रदर्शन किया जायेगा. कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य रूप से मोर्चा के प्रधान महासचिव निशांत यादव सोनू, महासचिव वीरेंद्र गोप, उपाध्यक्ष गौतम यादव, सचिव सुरेंद्र यादव, रवि यादव, संतोष यादव, देवानंद गोप का योगदान रहा.