एमजीएम के उपाधीक्षक डॉक्टर नकुल चौधरी ने बताया कि सरकार से एक मरीज को खिलाने के लिए 50 रुपए मिलता है। इसी में खाना खिलाना है। ऐसे में कोई कुछ भी मांग करेगा तो उसे नहीं दिया जा सकता है।
जमशेदपुर. महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में एडमिट संदिग्ध अस्पताल से खाने में चिकन बिरयानी, फिश करी…समेत अन्य मनपसंद खाना मांग रहे हैं। जबकि सरकार की ओर से एक मरीज पर 50 रुपए मिलते हैं। दरअसल, 20 दिन पहले मुंबई से आकर घर में छिपे दो युवकों को रविवार को सर्विलांस टीम ने एमजीएम आइसोलेशन वार्ड में एडमिट कराया। ये दोनों युवक खाने में चिकन बिरयानी की मांग कर रहे हैं।
सोमवार को मुसाबनी से आया एक संदिग्ध मरीज बिना मछली के खाना खाने से इंकार कर अस्पताल कर्मचारियों से बाहर से खाना लाने के लिए आग्रह किया। उसका मनपसंद खाना नहीं मिलने से वह नाराज है। इसी तरह कदमा का एक संदिग्ध मरीज अस्पताल की खाना को घटिया बता घर से खाना मंगाकर खाना खा रहा है। वार्ड के कई कोरोना संदिग्ध खाना बांटने वाले कर्मचारियों के साथ खाना की क्वालिटी को लेकर बदसलूकी भी कर रहे हैं।
एमजीएम के उपाधीक्षक डॉक्टर नकुल चौधरी ने बताया कि सरकार से एक मरीज को खिलाने के लिए 50 रुपए मिलता है। इसी में खाना खिलाना है। ऐसे में कोई कुछ भी मांग करेगा तो उसे नहीं दिया जा सकता है। यह सही बात है कि कुछ मरीज चिकन बिरयानी, मछली की मांग कर रहे हैं, जो संभव नहीं है। मरीजों को जो खाना दिया जा रहा है वह सरकार द्वारा तय मानक के अनुरूप है।