नई दिल्ली: कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है। वहीं एम्स कोविड टास्क फोर्स के चेयरपर्सन और मेडिसिन के एचओडी डॉ नवीत विग का कहना है कि बच्चों के लिए वैक्सीन की मात्रा और सुरक्षा डेटा उपलब्ध होने के बाद ही टीके लगाए जाएंगे। बच्चों की सुरक्षा के मामले में हम पीछे नहीं रह सकते। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर आने से पहले ही हमें बच्चों को सुरक्षित करना होगा। हालांकि कोरोना का टीका बच्चों को कब से लगना शुरु होगा अभी तक इस बारे में सरकार की तरफ से कोई जानकारी नहीं दी गई है।
बता दें कि ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों की परेशानी बढ़ सकती है। कोरोना की चपेट में बच्चे ज्यादा आ सकते हैं।
बच्चों को बचाने के लिए दिल्ली सरकार विशेष टास्क फोर्स का गठन करेगी
वहीं, कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को बचाने के लिए दिल्ली सरकार विशेष टास्क फोर्स का गठन करेगी। इसके अलावा अस्पतालों में बेड, आक्सीजन और दवाओं का भी पहले से प्रबंध किया जाएगा। अस्पतालों में आक्सीजन की आपूर्ति और उसकी उपलब्धता को लेकर प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जाएगा। इसके लिए भी अधिकारियों की एक समिति बनेगी। दिल्ली में लगाए जा रहे सभी आक्सीजन के प्लांट को समय से पूरा किया जाएगा और भंडारण की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी। बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई दिल्ली सरकार की हुई उच्च स्तरीय बैठक में ये फैसले लिए गए।
40 हजार बेड की जरूरत पड़ेगी
अधिकारियों के साथ बैठक में इस बात पर विचार किया गया कि तीसरी लहर के दौरान दिल्ली में अधिकतम कितने केस आने की संभावना है और उसके लिए कितने बेड की आवश्यकता पड़ेगी? अधिकारियों ने एक अनुमानित आकलन के अनुसार बताया कि तीसरी लहर के दौरान कोरोना मरीजों के लिए करीब 40 हजार बेड की जरूरत पड़ सकती है। इनमें से करीब 10 हजार आइसीयू बेड होने चाहिए।