झारखंड सरकार प्रदेश में पहली बार खदानों में जमा कर रखे गए लौह अयस्क को नीलाम करने जा रही है। इसकी शुरुआत अकूत खनिज संपदा वाले पश्चिमी सिंहभूम से की जा रही है। पहले चरण में सरकार ने जिले के सारंडा वन क्षेत्र में अवस्थित दो खदानों में पहले से खनन कर जमा लौह अयस्क को ई टेंडर के ज़रिए नीलामी करने की योजना बनाई है। जिन दो खदानों में जमा अयस्क की नीलामी होनी है उनके नाम घाटकुड़ी आयरन ओर माइंस और राजाबेड़ा माइंस है। ये दोनों खदान चाईबासा के पद्म कुमार जैन के नाम से पंजीकृत थी। यह नीलामी सरकार की नोडल एजेंसी झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेएसएमडीसी) के माध्यम से होगी। लौह अयस्क बेचने के बाद मिलने वाली सारी राशि सीधे सरकार के खाते में जमा होगी। बताया जा रहा है कि खान निदेशक शंकर कुमार सिन्हा ने जिला खनन पदाधिकारी निशांत अभिषेक को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है कि सरकार ने पश्चिमी सिंहभूम जिले में अवस्थित पदम कुमार जैन के परिसमाप्त ठाकुरानी व राजाबेड़ा खनन पट्टे पर उपलब्ध अंतिम खनिज के स्टॉक के प्रतिवेदित मात्रा के निष्पादन करने का निर्णय लिया है। इस कार्य के लिए सरकार की ओर से एक नोडल पदाधिकारी भी नियुक्त कर दिया गया है। दोनों खदान में मौजूद स्टॉक का निष्पादन सरकारी उपक्रम जेएसएमडीसी, रांची के द्वारा खुली निविदा के तहत की जाएगी। इसकी बिक्री से मिली धनराशि सीधे सरकार के कोषागार में जमा कराया जाएगा। भारतीय खान ब्यूरो द्वारा अधिसूचित मूल्य नीलामी के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य आधार होगा। जेएसएमडीसी को विक्रय मूल्य की पांच फीसद राशि नीलामी संपन्न कराने एवं खनिज के निष्पादन के खर्च का वहन करने के लिए दी जाएगी। नोडल पदाधिकारी के द्वारा जिला खनन पदाधिकारी, पूर्व खनन पट्टाधारी व जेएसएमडीसी के प्रतिनिधि के समक्ष पट्टा क्षेत्र में उपलब्घ खनिज स्टॉक की सुपुर्द किया जाएगा।
Add A Comment