धनबाद। चंद्रग्रहण की अपेक्षा सूर्यग्रहण हमेशा से कौतूहल का विषय रहा है। वैज्ञानिक इसका नजारा देखने का मौका खोना नहीं चाहते हैं। इस साल के पहले सूर्यग्रहण को देखने के लिए के IIT(ISM) प्रोफेसर और छात्र सुबह से ही बेताब थे। दूरबीन लेकर कैंपस में आसमान की ओर नजर लगाए हुए थे। दोपहर बारह बजे के बाद आसमान में अद्भुत नजारा देखने को मिला। हालांकि बादलों की ओट में सूर्य के छिपे होने के कारण यहां देश के अन्य भागों की तरफ सूर्यग्रहण देखने को नहीं मिला। सामान्य लोग तो देख भी नहीं पाए। सुबह से ही बादल होने के कारण सूर्यग्रहण का नजारा देखने को नहीं मिला। हां, दिनभर शामम जैसा नजारा दिखा।
IT(ISM) के के प्रोफेसर प्रो. धीरज कुमार ने बताया कि बादल से घिरे होने के कारण सुबह 10:55 मिनट पर पांच सकेंड के लिए और 11:02 पर 10 सकेंड के लिए 40 प्रतिशत ही ग्रहण दिखा। उन्होंने बताया कि इस दौरान सूर्य ‘रिंग ऑफ फायर’ लाल छल्ले जैसा नजर आया। 1:30 यह चरम की ओर बढ़ेगा तब शाम जैसा नजारा दिखाई देने लगेगा। प्रो. धीरज ने बताया कि 3:04 मिनट पर यह समाप्त हो जाएगा। सूर्य ग्रहण कुल तीन घंटा 39 मिनट तक रहेगा। सूर्य ठीक मध्य में होने के कारण यह वर्ष का सबसे बड़ा दिन भी साबित होगा। उन्होंने बताया कि सूर्य ग्रहण सूक्ष्म जीवों को प्रभावित नहीं करते हैं। ग्रहण के दौरान सूर्य से कोई रहस्यमय किरणें अभी तक नहीं देखने को मिली है। उन्होंने बताया कि यह खगोलीय घटना है जो दुर्लभ है।