रांची : झारखंड में बंद पड़े ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक से कोयला चोरी के मामले में सीआईडी जांच करेगी। कोल ब्लॉक से कोयला चोरी के मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने की थी। बाबूलाल मरांडी ने पूरे मामले में जांच के लिए सीबीआई निदेशक को पत्र भी लिखा था। जिसके बाद सीबीआई मुख्यालय ने पूरे मामले में राज्य पुलिस मुख्यालय को पत्राचार कर जरूरी कार्रवाई का निर्देश दिया था।
गुरुवार को राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद सीआईडी ने पूरे केस को टेकओवर कर लिया है। सीआईडी के द्वारा टीम भी गठित कर दी गई है। इस केस में गिरिडीह के मुफ्फसिल थाना में कांड संख्या 150/20 दर्ज है। केस में सीबीआई के फर्जी अधिकारियों पर ही मामला दर्ज है। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी 2020 में खुद को सीबीआई का अधिकारी बता चार लोग कोल ब्लॉक में आए थे। फर्जी कागजात दिखाकर जब्त कोयले की बिक्री संबंधी बात कर तकरीबन 2 हजार टन कोयला स्टॉक से चोरी कर ली गई थी। बाबूलाल मरांडी के द्वारा मामला उठाए जाने के बाद मुफ्फसिल थाने में इस संबंध में चार अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज करायी गई थी।
पूर्व राज्यसभा सांसद को मिला था कोल ब्लॉक का आवंटन
गिरिडीह के ब्रह्मडीहा कोल ब्लॉक का आवंटन पूर्व राज्यसभा सांसद परमेश्वर अग्रवाल की कैलेस्ट्रोल माइनिंग कंपनी को 30 सालों के लिए किया गया था। परमेश्वर अग्रवाल की मौत के बाद कोल ब्लॉक पर उनके भाई महेंद्र अग्रवाल ने दावा किया। साल 2011 में कोल ब्लॉक पूरी तरह बंद हो गया था। कोलगेट घोटाले की जांच के दौरान कॉल ब्लॉक में 16 हजार टन कोयला का स्टॉक जब्त किया गया था। फरवरी 2020 में फर्जी कागजात के आधार पर 2 हजार टन कोयला धनबाद की एक कंपनी के द्वारा उठवा लिया गया था। मामला सामने आने के बाद मुफ्फसिल थाने में इस संबंध में एफआईआर दर्ज की गई थी।
बाबूलाल मरांडी ने क्या की थी शिकायत:
बाबूलाल मरांडी ने पूरे मामले में 26 जून 2020 को सीबीआई निदेशक को पत्र लिखा था। सीबीआई निदेशक को लिखे पत्र में बताया गया था कि सीबीआई के द्वारा उठाव पर रोक के बावजूद लॉकडाउन के दौरान भी कोयले की चोरी जारी रही। कोयला चोरी में धनबाद की कंपनी की भूमिका पर सवाल उठाए गए थे। बाबूलाल मरांडी ने मांग की थी कि खेल के पीछे कौन-कौन से लोग शामिल हैं, उनकी जांच सीबीआई से करायी जानी चाहिए। बाबूलाल मरांडी ने आशंका जाहिर की थी कि मामले में कोयला के अवैध कारोबारियों व कुछ स्थानीय राजनेताओं की गठजोड़ की भूमिका है। बाबूलाल मरांडी के पत्र के बाद सीबीआई के निर्देश पर तत्कालीन हजारीबाग डीआईजी ने एक रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजा था। मुख्यालय के आदेश के बाद अब सीआईडी मामले की जांच करेगी।