बीजापुर: गंगालूर थाना क्षेत्र के पालनार से अपहृत एएसआई मुरली ताती की नक्सलियों ने हत्या कर दी है। अपहरण के तीन दिन बाद नक्सलियों ने मुरली ताती की हत्या कर शव को सड़क पर फेंक दिया है। गंगालूर के पालनार से 21 अप्रैल को एसआई मुरली ताती का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था। अपहरण के बाद नक्सली तीन दिनों तक उसे अपने साथ घुमाते रहे, बाद में जन अदालत लगाकर जवान की हत्या कर दी।
शव के पास नक्सलियों ने पर्चा फेंका है. जिसमें एएसआई पर नक्सलियों ने 2006 से अब तक डीआरजी में रहकर एड़समेटा, पालनार, मुघवेंडी में ग्रामीणों की हत्या का आरोप लगाया है। नक्सलियों ने मुरली ताती पर पीएलजीए के लोगों को मुठभेड़ में मारने का भी आरोप लगाया है। एएसआई ताती की हत्या कर शव को पुलसुम पारा के पास सड़क पर सामान के साथ फेंक दिया है।
सुरक्षा बल के जवानों ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. जवान इलाके में सर्चिंग अभियान चला रहे हैं। इससे पहले कई सामाजिक संगठनों ने मुरली ताती की रिहाई की मांग की थी। जवान की पत्नी भी नक्सलियों से अपने पति को छोड़ने की अपील कर रही थी, लेकिन उन पर इन सबका कोई असर नहीं पड़ा।
अभी शुक्रवार को ही मुरली ताती की रिहाई के लिए गोंडवाना समाज भी आगे आया था. गोंडवाना समाज समन्वय समिति जिला इकाई ने कहा था कि एएसआई के छोटे-छोटे बच्चे हैं और उनका स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है, इसलिए नक्सली उन्हें रिहा कर दें. इससे पहले मुरली ताती की पत्नी ने उनकी तबीयत ठीक ना होने और बच्चों का हवाला देते हुए उनकी रिहाई की अपील की. ASI मुरली की रिहाई के लिए समाजसेवी, पत्रकार और ग्रामीण भी कोशिश कर रहे थे।
इससे पहले कहा जा रहा था कि ASI मुरली ताती के लिए जन अदालत में फैसला लेकर छोड़ा सकता है। हालांकि नक्सलियों की ओर से रिहाई को लेकर शर्तों की कोई सूचना नहीं मिली थी। रिहाई को लेकर जन अदालत लगाने की भी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई थी। इसी बीच नक्सलियों ने एक बार फिर अपना क्रूर चेहरा दिखा दिया और मुरली ताती की हत्या कर दी।
एएसआई नक्सलियों की हिट-लिस्ट में थे शामिल:
बता दें कि एक पुलिस अधिकारी ने बताया है कि मुरली ताती सहायक कांस्टेबल के रूप में पुलिस में शामिल हुए थे और बीजापुर में कुछ सबसे महत्वपूर्ण नक्सल विरोधी अभियानों में शामिल रहे हैं. इसी दौरान उनके गांव से नक्सलियों ने उसे अगवा कर लिया और अपने साथ ले गए. वो इलाका गंगालूर थाना क्षेत्र में आता है. एएसआई की तलाश की जा रही है. वह बहुत लंबे समय से माओवादियों की हिट-लिस्ट में शामिल थे।
पुलिस ढंढने का कर रही थी प्रयास:
बस्तर रेंज के पुलिस आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि बुधवार की रात को चेरपाल रोड के पास लापता एएसआई के शव के बारे में जानकारी गलत मिली है. हमें खुफिया इनपुट की सूचना पर जानकारी मिल रही है कि वह पलनार के पास कहीं सुरक्षित हैं. सुरक्षाबलों की टीम ने उनके सटीक स्थान का पता लगाने और उसे सुरक्षित वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि परिवार के सदस्य और गांव वाले इस मामले में हर संभव कोशिश कर रहे हैं.
गौरतलब है कि 3 अप्रैल को नक्सलियों ने सीआरपीएफ के कोबरा यूनिट के कमांडो को नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था. जिसके बाद पुलिस और सरकार की पहल के चलते हालांकि, बाद में नक्सलियों ने जवान को रिहा कर दिया था. नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में बीते दिनों 22 जवान शहीद हो गए थे। और 30 से ज्यादा सीआरपीएफ के सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं।