रांची: काेराेना मरीजों के इलाज के लिए बेड खाली नहीं रहने पर भी अब अस्पतालाें काे मरीज काे आपातकालीन सुविधाएं उपलब्ध करानी हाेंगी। ताकि मरीज की जान बचाई जा सके। इसके बाद जिस अस्पताल में बेड खाली मिलेगा, मरीज काे शिफ्ट कर दिया जाएगा। इस संबंध में डीसी सूरज कुमार ने मंगलवार काे एसओपी जारी करते हुए सभी अस्पतालों काे इसका पालन करने की हिदायत दी है। प्रशासन ने यह कदम हाल के दिनाें में बेड के अभाव में कई मरीजाें की माैत हाेने के बाद लिया है। डीसी ने कहा कि हाेम आइसाेलेशन में इलाजरत मरीज काे सांस लेने में ज्यादा दिक्कत आ रही हाे और ऑक्सीजन लेवल गिर रहा है, ताे इसकी सूचना तत्काल जिला नियंत्रण कक्ष काे दें। एंबुलेंस भेज कर मरीज काे जिस अस्पताल में भी बेड खाली हाेगा वहां भर्ती कराया जाएगा।
डीसी की ओर से जारी आदेश में कहा – समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण कुछ गंभीर मरीजाें की माैत हाे गई है। अब किसी भी मरीज की जान नहीं जाए इसके लिए अस्पतालाें काे विशेष सावधानी के साथ संवेदनशीलता बरतने की जरूरत है। वहीं, होम आईसोलेशन वाले मरीजाें के ऑक्सीजन लेवल की नियमित माॅनिटरिंग की जाएगी। अगर किसी मरीज का ऑक्सीजन लेवल नीचे है, ताे परिजन इसकी जानकारी कंट्रोल रूम काे दें। कंट्राेल रूम में तैनात अधिकारी तुरंत इलाज की व्यवस्था करेंगे। मरीज काे भर्ती करने के बाद अस्पतालाें काे इसकी जानकारी बेड मैनेजमेंट पोर्टल पर दर्ज करने काे कहा गया है। ताकि अस्पतालाें में बेड की सही स्थिति का पता चल सके।
उपकरण देर से मिलने के कारण मेडिका हॉस्पिटल में शुरू नहीं हाे सका मरीजों का इलाज, आज से हाेगा
मेडिकल उपकरण देर से पहुंचने के कारण मेडिका अस्पताल में मंगलवार शाम से काेराेना मरीजाें का इलाज शुरू नहीं हाे सका। मेडिका काे टीएमएच से शाम पांच बजे उपकरण मिले। इसके चलते बुधवार सुबह से मरीजों का मुफ्त इलाज शुरू हाेगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली है। अस्पताल में ऑक्सीजन की सुविधा वाले 80 बेड तैयार हैं। डाॅक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ व सफाईकर्मियों की तैनाती की है। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता व डीसी सूरज कुमार ने अस्पताल पहुंच तैयारियाें का जायजा लिया। सीटी स्कैन, एमआरआई व एडवांस लैब के बारे में जानकारी ली। उनके साथ सिविल सर्जन डाॅ. एके लाल व एसीएमओ डाॅ. साहिर पाल भी थे। अस्पताल में 15 डाॅक्टर व 40 मेडिकल स्टाफ को तैनात किया है। एसीएमओ ने कहा -जरूरी दवाओं की आपूर्ति स्वास्थ्य विभाग करेगा। मरीजाें की जांच के लिए आरटी-पीसीआर मशीन लगाई जाएगी। राज्य सरकार से मिलने वाले हाई नेजल फ्लो ऑक्सीजन (एचएफएनओ) उपकरणाें में 5 मेडिका के कोविड अस्पताल में लगाए जाएंगे। यहां सरायकेला-खरसावां जिले के मरीजाें का भी इलाज हाेगा। यहां तैनात डाॅक्टर व मेडिकल स्टाफ कोविड प्रोटोकॉल के तहत 7 दिन ड्यूटी व 7 दिन होम क्वारेंटाइन में रहेंगे। इनके ठहरने का इंतजाम प्रोफेशनल फ्लैट में किया है।