रिम्स, रांची: डॉक्टर चंद्रभूषण ने कोविड के लक्षण, इलाज, ठीक होने के बाद एहतियात और बीमारी के वैक्सीन से जुड़े 15 अहम सवालों का जवाब दिया, इसके साथ होम आइसोलेशन में इलाज करवा रहे लोगों को नकारात्मक खबरों से दूर रहने और एक्टिव रहने की सलाह दी!
हाइलाइट्स:
अगर किसीको ब्रेन स्ट्रोक का अटैक पड़ चुका है, मिर्गी का दौरा पड़ता है या हार्ट के ऐसे मरीज हैं जिनका ऑपरेशन हो चुका है तो भी ऐसे लोग कोविड की वैक्सीन लगवा सकते हैं। इसके लिए पुरानी दवाएं बंद करने की जरूरत भी नहीं है।
1) सवाल: हमेशा आशंका बनी रहती है कि बाहर जाऊंगा तो संक्रमित हो जाऊंगा, क्या करूं?
जवाब: मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और हाथ धोते रहने के साथ वैक्सिनेशन इस समय की सबसे बड़ा एहतियात है। सबसे पहले तो आप वैक्सीन लगवा लीजिए हमेशा संक्रमित होने की आशंका बने रहना इस बीमारी का मनोवैज्ञानिक साइड इफेक्ट है। टीवी पर खबरों और सोशल साइट्स से कुछ दिनों के लिए दूरी बना लें, तो इस भय से राहत मिलेगी।
2) सवाल: मेरी हार्ट सर्जरी हो चुकी है, मैं खून पतला करने वाली दवाएं और कॉलेस्ट्रॉल की दवाएं लेता हूं, क्या वैक्सीन लगवाना सुरक्षित है?
जवाब: आप बिल्कुल वैक्सिनेशन करवा सकते हैं। पुरानी कोई भी दवाएं बंद नहीं करनी है।
3) सवाल: मेरे पति को 2 साल पहले ब्रेन स्ट्रोक हुआ था, क्या वह वैक्सीन लगवा सकते हैं?
जवाब: वैक्सीन ले सकते हैं कोई परेशानी नहीं।
4) सवाल: कोविड संक्रमण से ठीक होने के बाद से सिरदर्द और हाई बीपी की दिक्कत है। यह कोविड का असर तो नहीं?
जवाब: सिरदर्द और हाईबीपी का पोस्ट कोविड से कोई सीधा कनेक्शन तो नहीं है, लेकिन आप लिपिड प्रोफाइल करवा लें। इसकी रिपोर्ट के बाद बीपी को नियंत्रित करने की दवाएं शुरू कर सकते हैं। सिगरेट और शराब से दूरी बनाए रखें तो बेहतर होगा।
5) सवाल: मेरी पत्नी को चार महीने का गर्भ है, साथ ही उनको शुगर भी है, क्या वो अभी टिटनेस का टीका लगवा सकती हैं?
जवाब: इस वक्त उन्हें टिटनेस का टीका लगवाने की कोई जल्दी नहीं है। यह एक से दो महीने बाद भी लग सकता है। तब तक स्थितियां थोड़ी बेहतर हो जाएंगी तो उन्हें जांच के लिए बाहर ले जाना सुरक्षित होगा। हालांकि इस दौरान उन्हें चीनी से बने पदार्थ, तैलीय पदार्थ और बेकरी के खाद्य पदार्थ बिल्कुल न दें।
6) सवाल: कोविड से ठीक होने के बाद एंटीबॉडी कब तक रहती है? दूसरी बार इन्फेक्शन कब होने का खतरा होता है?
जवाब: कोविड से ठीक होने के बाद आमतौर पर 3 महीने तक एंटीबॉडी बनी रहती है। तब तक दोबारा संक्रमण का खतरा काम होता है, लेकिन मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है। कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं जब लापरवाही के चलते ठीक होने के बाद व्यक्ति दोबारा संक्रमित हो गया।
7) सवाल: मेरे पिताजी की उम्र 60 साल है, उन्हें कई चीजों से एलर्जी है, ऐसे में क्या वो वैक्सीन ले सकते हैं?
जवाब: एलर्जी और वैक्सीन दोनों अलग-अलग चीजें हैं। एलर्जी की दवा ले सकते हैं, वैक्सीन के बाद थोड़ा सिरदर्द, बदनदर्द और हल्का बुखार हो सकता है। जिसकी दवाएं लेनी पड़ सकती हैं। इसके अलावा वैक्सीन के बाद कोई दिक्कत नहीं होने वाली। आपके पिता के लिए वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है।
8) सवाल: मेरी पत्नी और बेटी दोनों को मिर्गी के दौरे आते हैं, क्या दोनों वैक्सीन लगवा सकती हैं?
जवाब: दोनों ही वैक्सीन ले सकती हैं, किसी तरह की आशंका है तो आप इनका इलाज कर रहे डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं। मेडिकल हिस्ट्री को देखते हुए उनका परामर्श काफी अहम होगा। इसके साथ उनकी राय के बाद वैक्सीन लगवाने पर आप भी ज्यादा संतुष्ट होंगे।
9) सवाल: कोविड संक्रमण से ठीक होकर मैं हॉस्पिटल से घर आ चुका हूं, लेकिन मुझे शरीर पर खुजली और दाने हो रहे हैं, मैं क्या करूं?
जवाब: आपको दवाइयों या फिर खाने पीने की किसी वस्तु से एलर्जी हो गई है। आप एलर्जी की दवा लीजिए, ऐसा होना पोस्ट कोविड के लक्षणों से मेल नहीं खाता। लिहाजा उसे लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है।
10) सवाल: बदनदर्द, सिरदर्द और खांसी आ रही है, क्या मैं कोविड टेस्ट करवा सकता हूं?
जवाब: शरीर में दर्द, सिर में दर्द और खांसी है तो आप तुरंत जांच करवाएं। यह कोविड के प्रमुख लक्षणों में हैं जितनी जल्द रिपोर्ट आएगी उतना ही बेहतर तरीके से इलाज शुरू हो सकेगा।
11) सवाल: कोविड से ठीक हो चुका हूं, लेकिन कुछ दिनों से खांसी और कफ जैसा महसूस होता है, क्या मुझे सिटी चेस्ट करवा लेना चाहिए?
जवाब: कोविड के बाद खांसी और हल्का कफ कुछ दिनों तक रहता है। इसके साथ अगर आपको सांस लेने, बोलने या सीने में जकड़न जैसा महसूस नहीं हो रहा तो सीटी चेस्ट करवाने की जरूरत नहीं है। इसके बाद भी दिमाग में किसी तरह का संशय है तो अपने डॉक्टर से परामर्श के बाद ही यह जांच करवाएं।
12) सवाल: संक्रमित होने पर स्टेरॉयड लेने की सलाह दी जा रही है, क्या यह सुरक्षित है?
जवाब: कोई भी स्टेरॉयड बिना डॉक्टर का परामर्श लिए नहीं इस्तेमाल करना चाहिए। इसका इस्तेमाल करने के साथ बहुत ज्यादा निगरानी की जरूरत होती है। इसके इस्तेमाल में जरा सी लापरवाही मरीज के शरीर में कई अन्य तरह की दिक्कतें पैदा कर सकती हैं। विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज की उम्र, उसके वजन और बीमारी की स्थिति को देखकर डोज तय करते हैं। इसके साथ मरीज के शुगर पर भी नजर रखनी होती है, ताकि उसे नियंत्रित रखा जा सके।
13) सवाल: ठीक हो गया हूं, कुछ दिन पहले कोरोना संक्रमित हो गया था। कमजोरी के चलते तीन सप्ताह से मल्टी विटामिंस ले रहा हूं। इसके कोई दुष्प्रभाव तो नहीं?
जवाब: मल्टी विटामिंस का प्रयोग अब तुरंत बंद कर दें। एक महीने से ज्यादा मल्टी विटामिंस का प्रयोग किसी को नहीं करना चाहिए। आप दवाओं की जगह अपनी डाइट पर ध्यान दें। खाने में फाइबर युक्त भोजन के साथ ड्राई फ्रूट का सेवन बढ़ा दें। कमजोरी दूर हो जाएगी।
14) सवाल: सोराइसिस की बीमारी है। क्या कोविड का टीका लगवा लेना चाहिए?
जवाब: हां, आप टीका लगवा सकते हैं। सोराइसिस का कोरोना वैक्सिनेशन से कोई संबंध नहीं। कोविड वैक्सीन लगवाते समय केवल यह ध्यान रखें कि इंजेक्शन लगवाने की जगह कोई दाग न हो।
15)सवाल: मेरा मरीज जमशेदपुर में है, क्लॉटिंग हो रही है। मरीज को एम्स के लिए रेफर कर दिया गया है। पीड़ित का बचना मुश्किल बताया जा रहा है। क्या करें?
जवाब: आप घबराएं नहीं। अपने स्तर से दवा लेने के बजाए विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें। घबराहट से मरीज की दिक्कत ज्यादा बढ़ जाती है। सुनी सुनाई बातों में आकर मरीज को स्टेराइड आदि देने से बचें। यह मरीज की आंखों सहित दूसरे हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में मरीज का उपचार होने दें।