नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अचानक लेह पहुंच गए. यहां उन्होंने लद्दाख के नीमू पोस्ट में थलसेना और वायुसेना के जवानों से मुलाकात की. जानकारी मिली है कि गलवान घाटी में घायल हुए जवानों से पीएम अस्पताल में मुलाकात भी करेंगे. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेनाप्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी मौजूद हैं. सिंधु नदी के तट पर 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित नीमू सबसे दुर्गम स्थानों में से एक है. यह जंस्कार पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को आज लेह का दौरा करना था, लेकिन उनका लेह जाना कैंसिल हो गया. इसके बाद अचानक खबर आई कि पीएम मोदी खुद लेह पहुंच गए.
प्रधानमंत्री मोदी का लेह दौरा ऐसे समय में काफी अहम माना जा रहा है, जब भारत और चीन के बीच कूटनीतिक स्तर पर बातचीत चल रही है. कहा जा रहा है पीएम मोदी के लेह पहुंचने का असर उन चीनी सैनिकों के मनोबल पर पड़ सकता है जिनके पीछे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग तैयार नहीं है. क्योंकि 15-16 जून की दरम्यानी रात गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद से अबतक चीन ने अपने जवानों की शहादत को माना नहीं है. लेकिन भारत के प्रधानमंत्री ने न सिर्फ अपने जवानों की शहादत को याद किया, बल्कि उनका मनोबल बढ़ाने लेह पहुंच गए.
हाल ही में चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स में खबर छपी थी कि वहां के पूर्व सैनिक इस बात से नाराज हैं कि शी जिनपिंग ने अपने देश के जवानों की शहादत पर एक शब्द नहीं कहा. ऐसे में माना जा रहा है कि चीन में पुराने और नए सैनिक मिलकर बगावत की ओर बढ़ सकते हैं.