रांची : झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद प्रसाद का इस्तीफा सरकार ने स्वीकार कर लिया है. अध्यक्ष की ओर से लॉकडाउन के दौरान ही इस्तीफा दिया गया था. जिसे शुक्रवार को सरकार की स्वीकृति मिल गयी. अरविंद प्रसाद के इस्तीफा के बाद अब आयोग में दो सदस्य ही रह जायेंगे. जिसमें से एक रविंद्र नारायण सिंह और दूसरे प्रवास कुमार सिंह है.
बता दें कि नियामक आयोग के अध्यक्ष का इस्तीफा ऐसे वक्त में आया है. जब राज्य में नयी बिजली टैरिफ तय की जानी थी. लॉकडाउन के कारण आयोग ने इसपर निर्णय नहीं लिया था. पूर्व में अप्रैल के अंत और मई के शुरूआती दिनों तक यह टैरिफ तय की जानी थी.
पिछले साल नियामक आयोग बिजली टैरिफ को लेकर सुर्खियों में बना रहा. तब आयोग की ओर से बिजली दर प्रति यूनिट 6 रूपये कर दी गयी थी. बाद में इसे कम किया गया. आयोग में अध्यक्ष का पद किसी रिटार्यड जज या रिटार्यड आइएएस अफसर को दी जाती है.
2017 में बने थे अध्यक्ष
अरविंद प्रसाद झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष 2017 में बने थे. अरविंद प्रसाद रिटार्यड आइएएस अफसर हैं. जिन्होंने बिहार, नीति आयोग से लेकर राज्य में अपना योगदान दिया है. इनका कार्यकाल 2021 में पूरा होता. इनके इस्तीफे की स्वीकृति के बाद अध्यक्ष पद रिक्त रह जायेगा. जब तक सरकार कोई निर्णय नहीं लेती.
बता दें कि आयोग अध्यक्ष के पद पर रहते हुए अरविंद प्रसाद की नियुक्ति काफी विवादित रही है. पूर्व की रघुवर सरकार ने इन्हें अध्यक्ष पद दिया था, वो भी नियमों की अनदेखी करते हुए.