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    Home»झारखण्ड»मजूदरों की घर वापसी के बाद बढ़ेगी चुनौती, निपटने के लिए राज्य सरकार तैयार कर रही कार्य योजना
    झारखण्ड

    मजूदरों की घर वापसी के बाद बढ़ेगी चुनौती, निपटने के लिए राज्य सरकार तैयार कर रही कार्य योजना

    Koylanchal SamvadBy Koylanchal SamvadMay 1, 2020No Comments5 Mins Read
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    रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि लाखों प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद चुनौतियां बढ़ेंगी। खासकर उनको रोजगार देना सबसे बड़ा चैलेंज होगा। इस वजह से अभी से ही इस दिशा में कार्ययोजना तैयार की जा रही है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए अलग-अलग वृहद कार्य योजना बनाई जा रही है। राज्य के सभी उद्योग-धंधों का आकलन किया जा रहा है। इन उद्योग धंधों में लगभग 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देना सुनिश्चित करने के लिए सरकार कदम उठाएगी।

    सरकार की कोशिश यही है कि राज्य की आंतरिक क्षमता का पूरा इस्तेमाल हो, ताकि ना सिर्फ यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा, बल्कि दूसरे प्रदेशों के लोग भी यहां रोजगार करने के लिए आ सकेंगे। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को मंत्रिमंडल की उपसमिति और पदाधिकारियों की बैठक हुई जिसमें उन्होंने ये बातें कहीं।

    मनरेगा का बढ़ेगा बजट, जिनका जॉब कार्ड नहीं होगा उनका बनाया जाएगा
    मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में मजदूरों के वापस लौटने पर उनके सामने रोजगार सबसे बड़ी समस्या होगी। ऐसे में इन मजदूरों को उनके घर पर ही रोजगार देने के लिए सरकार ने विस्तृत कार्ययोजना बनाई है। इसके तहत मनरेगा का बजट बढ़ाया जाएगा। इसमें नई योजनाओं को शामिल किया जाएगा और मनरेगा मजदूरी दर बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र भेजा जाएगा।

    मजदूरों की होगी स्क्रीनिंग, फिर भेजा जाएगा
    बैठक में बताया गया कि लौटने वाले प्रवासी मजदूरों और विद्यार्थियों के चिकित्सीय जांच, भोजन और रहने की व्यवस्था की जा रही है। लौटने के बाद उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके बाद उनके एक निश्चित किए गए जगह पर रहने की व्यवस्था की जाएगी। फिर, सभी का चिकित्सीय जांच कराया जाएगा। जो स्वस्थ पाए जाएंगे उन्हें घर भेजा जाएगा और पूरी एहतियात बरतने का निर्देश दिया जाएगा, वहीं जिनमें थोड़ा सा भी संक्रमण का खतरा होगा, उसका कोविड अस्पताल अथवा उनके घर में ही क्वारैंटाइन कर इलाज किया जाएगा।

    ई-संजीवनी व्यवस्था शुरू, टेलीमेडिसीन से मरीजों को मिलेगा परामर्श
    मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के अलावा दूसरे बीमारियों से ग्रसित मरीजों के इलाज को लेकर सरकार गंभीर है। इस सिलसिले में टेलीमेडिसीन की सुविधा शुरू की जा रही है और ई-संजीवनी की शुरूआत भी हो चुकी है। मरीज इसके माध्यम से स्वास्थ्य परामर्श विशेषज्ञ डॉक्टरों से ले सकते हैं।

    निजी अस्पताल नहीं खुले तो निबंधन रद्द होगा
    मुख्यमंत्री को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि अभी भी ज्यादा निजी अस्पताल और नर्सिंग होम बंद हैं। इस कारण दूसरे रोगों के मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। इस बाबत निजी अस्पताल के संचालकों को चेतावनी दी गई है कि वे अपने अस्पताल को खोलें, वरना उनका निबंधन रद्द करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

    राज्य में चिन्हित किए जा चुके हैं 34 कंटेनमेंट जोन
    स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने मुख्यमंत्री को बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर राज्य में 34 कंटेनमेंट जोन चिन्हित किए गए हैं। इसके अलावा रांची अभी रेड जोन, 10 जिले ऑरेंज जोन और बाकी 13 जिले ग्रीन जोन में हैं। फिलहाल 800 से 900 सैंपलों के टेस्ट हर दिन किए जा रहे हैं।

    आज से प्रवासी मजदूरों की झारखंड वापसी का सिलसिला शुरू
    मुख्यमंत्री ने बताया कि आज से प्रवासी मजदूरों की झारखंड वापसी का सिलसिला शुरू हो चुका है, यह तबतक जारी रहेगा, जबतक लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर, किसान, विद्यार्थी और पर्यटक समेत अन्य लोगों को वापस नही ले आते हैं। उन्होंने बताया कि झारखंड में फंसे पश्चिम बंगाल के मजदूरों को बस से वापस भेजा गया है और वहां फंसे झारखंड के मजदूर इसी बस से वापस अपने घर आएंगे। वहीं अन्य राज्यों में फंसे विद्यार्थियों और भेल्लोर समेत दूसरे राज्यों के अस्पतालों में इलाज कराने गए झारखंड के मरीजों को लाने की दिशा में भी सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। बहुत जल्द इन्हें भी वापस लाया जाएगा।

    पहले चरण में पड़ोसी राज्यों में फंसे मजदूर वापस आएंगे
    बैठक में मौजूद मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने मुख्यमंत्री को बताया कि मजदूरों को चरणबद्ध तरीके से लाने के लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है। पहले चरण में बिहार, पश्चिम बंगाल, ओड़िसा, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों से मजदूरों को बस से वापस लाया जाएगा। यहां लगभग 34 हजार झारखंड के मजदूर फंसे हुए हैं। इनकी पूरी सूची तैयार कर ली गई है। इसके बाद दूर के राज्यों से प्रवासी मजदूरों को विशेष ट्रेन से लाने की प्रक्रिया शुरु होगी। इसके अलावा जहां कम संख्या में लोग फंसे हैं, उन्हें हवाई जहाज से लाने पर भी सरकार विचार कर रही है।

    अंतरराज्यीय और अंतर जिला आवागमन के लिए भी दिशा निर्देश जारी
    मुख्यमंत्री को मुख्य सचिव ने बताया कि अंतरराज्यीय और अंतर जिला आवागमन को लेकर भी संबंधित अधिकारियों को दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। इसके अंतर्गत जो लोग अपने वाहन से आना चाहेंगे, उन्हें संबंधित जिलों के उपायुक्त द्वारा पास निर्गत किया जाएगा। वहीं, राज्य के बाहर जो फंसे हैं, वे संबंधित जिले के उपायुक्त के पास आवेदन देंगे। अगर उन्हें किसी तरह की दिक्कतें आती है तो वे इसके लिए राज्य सरकार से संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा राज्य के अंदर दूसरे जिलों में फंसे लोग वहां के उपायुक्त से पास लेकर वापस आ सकेंगे, लेकिन यह पास एक निश्चित समय अवधि के लिए ही निर्गत किया जाएगा। इसका उन्हें हर हाल में पालन करना होगा।

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