नयी दिल्ली : पेगासस, किसान और अन्य मुद्दों को लेकर संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामें के बीच लोकसभा में 127वां संविधान संशोधन विधेयक पास हो गया है. कई विपक्षी दलों ने इस बिल का समर्थन किया. इस बिल के राज्यसभा में भी पारित होने से ओबीसी वर्ग को बड़ा फायदा मिलेगा. केंद्र सरकार के इस विधेयक में राज्यों को ओबीसी सूची बनाने का अधिकार दिया गया है. इससे जाट, मराठा, लिंगायत आदि के लिए आरक्षण का रास्ता साफ होगा.
जानकारों का मानना है कि इस विधेयक को संसद में पास कराने में कोई खासा परेशानी नहीं होगी. क्योंकि इस बिल के विरोध में कोई भी राजनीतिक दल नहीं है. हालांकि संसद में हंगामें के पूरे आसार हैं. राज्यों को ओबीसी की सूची बनाने का अधिकार देने वाला यह 127वां संविधान संशोधन बिल होगा. हाल ही में कैबिनेट में इस विधेयक को मंजूरी दी गयी है.
संसद के दोनों सदनों में पास होते ही यह पूरी तरह से लागू हो जायेगा. बता दें कि सोमवार को संसद में छह विधेयक पेश किये जाने हैं. इसमें ओबीसी आरक्षण विधेयक बिल के अलावा नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन बिल, लिमिटेड लाइबिलीटी पाटर्नरशिप बिल, नेशनल कमीशन फॉर होम्योपैथी बिल, डिपॉजिट एवं इंश्योरेंस क्रेडिट गारंटी बिल और द कॉन्स्टीट्यूशन एमेंडमेंट शिड्यूल ट्राइब्स ऑर्डर बिल हैं.
संविधान के अनुच्छेद 342 A और 366 (26) C में संशोधन को अगर आज संसद में मंजूरी मिल जाती है तो राज्यों को ओबीसी सूची बनाने का अधिकार मिल जायेगा. इसका मतलब ये हुआ कि राज्य सरकारें अपनी मर्जी से किसी भी जाति को ओबीसी आरक्षण की सूची में रख सकते हैं. बता दें कि मराठा, जाट, पटेल, लिंगायत सहित कई वर्ग लंबे समय से आरक्षण की मांग कर रहे हैं.
राज्यसभा की बात करें तो लोकसभा में पारित चार विधेयकों को आज राज्यसभा में पेश किया जायेगा. सरकार इन चार विधेयकों को राज्यसभा में पारित करवाने का प्रयास करेगी. इसमें मुख्य रूप से जनरल इंश्योरेंस बिल और ट्रिब्नयूल रिफॉर्म बिल को पास कराना है. पेगासस के मुद्दे पर संसद के पहले ही दिन से विपक्ष हंगामा कर रहा है.