गुमला: सदर थाना क्षेत्र के चेटर टुकु टोली गांव निवासी ने एसपी को लिखित आवेदन देकर चैनपुर के बीडीओ पर आरोप लगाया है कि राशन दुकान का लाइसेंस रद्द नहीं करने के एवज में उन्होंने जनवरी में डेढ़ लाख रुपए की डिमांड की थी जिसमें से वे एक लाख 20 हजार रुपए की वसूली भी कर चुके हैं। उधर, लिखित शिकायत के बाद पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुट गई।
आवेदन में राशन दुकान संचालक ने कहा है कि वे मूल रूप से चैनपुर प्रखंड के कुरुम गढ़ के रहने वाले हैं। ग्राम सरगांव पंचायत बमदा में उनका राशन दुकान था जिसका लाइसेंस नम्बर 1/97 है। उन्होंने आवेदन में कहा है कि चैनपुर के बीडीओ शिशिर कुमार सिंह ने दुकान के लाइसेंस को रद्द करने से बचाने के लिए मुझसे रुपए मांगे और मेरी बेटी को गलत नियत से अपने घर भेजने को कहा। 31 जनवरी की सुबह करीब 7 बजे बीडीओ टुकु टोली स्थित घर पर खटंगा डांड़ टोली के वीरेंद्र गोप व दीपक कुमार के साथ पहुंचे।
शिकायतकर्ता के मुताबिक, इस दौरान उन्होंने मुझसे एक लाख 20 हजार रुपए ले लिये। रुपए लेने के बाद भी बीडीओ ने बेटी को आवास पर भेजने की बात कही और चले गए। शिकायतकर्ता ने कहा कि इस बीच उन्होंने अपनी बेटी को नहीं भेजा इसलिए उनका लाइसेंस रद्द कर दिया गया। आरोप है कि दुकान का लाइसेंस रद्द होने के बाद उन्होंने बेटी की शादी के लिए बीडीओ से रुपए वापस करने की बात कही। लगातार दवाब बनाए जाने पर 14 फरवरी को बीडीओ ने वीरेंद्र गोप, दीपक कुमार व उरांव छात्रावास लोहरदगा रोड के दो लड़के रवि उरांव एवं अनुज उरांव के माध्यम से 50 हजार वापस कर दिए। शेष राशि 70 हजार रुपए बाद में लौटने की बात कही गई। लेकिन अब भी बीडीओ बेटी को अपने आवास में भेजने और इसके बाद उक्त शेष राशि को लौटाने की बात कह रहे हैं।
मुझ पर लगाया गया आरोप बेबुनियाद: बीडीओ
बीडीओ शिशिर कुमार सिंह ने कहा कि मुझ पर लगाया गया आरोप बेबुनियाद है। अनियमितता के मामले में डीसी के निर्देश पर राशन दुकान का लाइसेंस रद्द किया गया है। विजिलेंस एसपी भी अनियमितता की जांच कर चुके हैं। गिरफ्तारी से बचने के लिए शिकायतकर्ता इस तरह का हथकंडा अपना रहा है। वहीं, पूरे मामले पर एसपी ह्रदीप पी जनार्दनन ने कहा कि शिकायतकर्ता का आवेदन मिला है। घटना की जांच पड़ताल की जा रही है। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।