रांची : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा जेल मैन्युअल उल्लंघन मामले में शुक्रवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई के दौरान आज जेल प्रबंधन की ओर से जेल मैन्य्अल पर रिपोर्ट सौंपी गयी. अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने बताया कि जेल से बाहर इलाजरत कैदियों से संबंधित एसओपी पर सहमति मिल गयी है. हालांकि रिम्स प्रबंधन की ओर से लालू प्रसाद के बारे में आज भी रिपोर्ट नहीं सौपी गयी. इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की.
अदालत की ओर से कहा गया कि रिम्स निदेशक बताएं कि दो बार नोटिस करने के बाद भी रिम्स की ओर से जवाब क्यों नहीं दिया गया है. इस मामले में अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 19 फरवरी की तिथि निर्धारित की है.
जेल से बाहर इलाज कराने वाले कैदियों के लिए कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं
पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने जेल प्रबंधन से जेल से बाहर इलाज करानेवाले कैदियों से संबंधित एसओपी की मांग की थी. कारा प्रबंधन की ओर से बताया गया था कि जेल से बाहर इलाज कराने वाले कैदियों के लिए कोई स्पष्ट गाइडलाइन नहीं है.
इलाजरत कैदियों के लिए सेवादार रखने के प्रावधान की भी मांगी जानकारी
अदालत ने पूर्व में चारा घोटाले के सजायाफ्ता लालू प्रसाद के रिम्स के पेईंग वार्ड से रिम्स निदेशक के बंगले और बंगले से वापस पेईंग वार्ड में शिफ्ट करने पर कोर्ट ने सवाल उठाये थे. रिम्स निदेशक के बंगले में रहने के दौरान लालू प्रसाद द्वारा फोन पर विधायकों की मैनेज करने का मामला भी सामने आया था. अदालत ने यह भी पूछा था कि जेल से बाहर इलाजरत कैदियों के लिए सेवादारों को रखने से संबंधित क्या प्रावधान है?
सरकार की ओर से अदालत को बताया गया था कि जेल मैन्युल को और स्पष्ट करने की दिशा में काम किया जा रहा है. अदालत ने इस मामले में रिम्स प्रबंधन से लालू प्रसाद के स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी भी मांगी गयी थी.