डीजीपी एमवी राव ने बताया कि बिना पुलिस वेरिफिकेशन कराए किसी भी अनजान चेहरे को किराए पर मकान देना मुसीबत में डाल सकता है। आपके आसपास कोई अनजान चेहरा रह रहा हो, उसकी भी जानकारी पुलिस को दें।
रांची: अगर आपके घर के आसपास कोई भी अनजान चेहरा लॉकडाउन के दौरान दिख रहा है, तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें। क्योंकि स्पेशल ब्रांच को सूचना मिली है कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए टीपीसी, पीएलएफआई आदि के ज्यादातर नक्सलियों ने क्षेत्र छोड़ दिया है। राजधानी रांची सहित प्रदेश के बड़े शहरों में, नक्सली पहचान छुपाकर रह रहे हैं। कई बड़े नक्सलियों ने शहर में अपना फ्लैट-मकान रखा है। नक्सलियों के धड़पकड़ के लिए पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान जंगलों में सर्च अभियान चला रहे है।
दूसरी तरफ नक्सली अपनी पहचान छिपाकर शहर में छुपे हुए हैं। रांची के बाहरी इलाके नाम बदलकर कई नक्सली और नक्सली समर्थक रह रहे हैं। पिछले एक वर्ष के दौरान राजधानी रांची से अलग-अलग संगठन के दर्जनों नक्सली गिरफ्तार हुए हैं। खूंटी, सिमडेगा, पलामू, चतरा, लातेहार, सरायकेला-खरसावां, चक्रधरपुर, लोहरदगा समेत अन्य जिलों के नक्सलियों ने रांची को अपना ठिकाना बनाया है। यह नक्सली और नक्सली समर्थक जहां व्यापारियों और ठेकेदारों से लेवी वसूलने का काम करते हैं, तो साथ-साथ अपने नक्सली संगठनों को पुलिस की गतिविधियों की भी जानकारी देते रहते हैं।
किराए पर मकान देने के लिए पुलिस ने जारी किया है फॉरमेट
बिना जांच पड़ताल के घर किराए पर दिया तो मुसीबत में फंस सकते हैं। किराएदार ने शहर में किसी घटना को अंजाम दिया हो, तो पुलिस आपके पीछे पड़ जाएगी। झमेले से बचना है तो घर किराए पर देने से पहले किराएदार का वेरीफिकेशन जरूर करवाएं। जिला पुलिस ने इसके लिए फारमेट जारी किया है। जिसमें किराएदार का नाम, उसका व्यवसाय, फोन नंबर, उसके परिवार के सदस्यों के नाम, वर्तमान व स्थायी पता, पहले कहां रहता था और पहचान के लिए उसका पासपोर्ट, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन, आधार या कोई सरकारी पहचान पत्र में से कोई एक की फोटोकॉफी थाने को देनी होगी। इसका सत्यापन करने के बाद एक रसीद थाने की ओर से मकान मालिक को दी जाएगी।
किराएदार का वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य
डीजीपी एमवी राव ने बताया कि बिना पुलिस वेरिफिकेशन कराए किसी भी अनजान चेहरे को किराए पर मकान देना मुसीबत में डाल सकता है। आपके आसपास कोई अनजान चेहरा रह रहा हो, उसकी भी जानकारी पुलिस को दें। मकान मालिक जो अपने किराएदार का सत्यापन थाने से नहीं कराते हैं, गलत कर रहे हैं। अगर किराएदार किसी आपराधिक मामले में शामिल पाए जाते हैं तो मकान मालिक पर धारा 188 के तहत और आपराधिक षड्यंत्र करने की प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है। लॉकडाउन के बाद किराएदारों का पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य हो जाएगा