श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट से उपजा गुस्सा अब उफान पर है और यह कभी भी गृह युद्ध में तब्दील हो सकता है. सोमवार को प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे विपक्ष के दबाव में इस्तीफा दे दिया था. उनके इस्तीफे से नाखुश समर्थकों ने राजधानी कोलंबो में हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया. इसके बाद उनके विरोधी भी उग्र हो गए. जब राजपक्षे के समर्थकों ने कोलंबो छोड़कर जाने की कोशिशें कीं. उनकी गाड़ियों को जगह-जगह निशाना बनाया गया.
लिकॉप्टर के जरिए बेस तक ले जाया गया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पूर्व PM महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार ने पूर्वी श्रीलंका के त्रिनकोमाली नेवल बेस में शरण ली है. उन्हें एक हेलिकॉप्टर के जरिए बेस तक ले जाया गया. वहीं, इस बात की जानकारी मिलने पर बेस के बाहर प्रदर्शनकारियों की भीड़ जमा हो गई है. इस हिंसा में अब तक 8 लोगों की मौत हुई है, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हैं.
श्रीलंका में जारी संकट के बीच भारत ने मंगलवार को मदद करने की बात कही है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा- श्रीलंका में स्थिरता और आर्थिक सुधार के लिए भारत पूरी मदद करेगा. बता दें कि श्रीलंका के लिए भारत इस साल 3.5 बिलियन डॉलर (करीब 27 हजार करोड़ रुपए) की मदद भेज चुका है.
श्रीलंका में फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर +94-773727832 और ईमेल ID cons.colombo@mea.gov.in जारी किया गया है.
महिंदा को गिरफ्तार करने की मांग
विपक्षी नेताओं ने मंगलवार को महिंदा को गिरफ्तार करने की मांग की है. इनका कहना है कि महिंदा ने शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे लोगों को उकसाया और हिंसा भड़काई. प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को हंबनटोटा में महिंदा राजपक्षे के पुश्तैनी घर को आग के हवाले कर दिया. वहीं, राजधानी कोलंबो में पूर्व मंत्री जॉनसन फर्नांडो को कार सहित झील में फेंक दिया गया. अब तक 12 से ज्यादा मंत्रियों के घर जलाए जा चुके हैं.
श्रीलंकाई सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला की मौत
बीते दिन श्रीलंकाई सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला की मौत की खबर भी सामने आई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमरकीर्ति ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग कर दी थी और बाद में भीड़ से बचने के लिए बिल्डिंग में छिप गए. यहीं से उनका शव बरामद हुआ है. हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि उनकी मौत किस वजह से हुई है.
एक महीने में 2 बार लगा आपातकाल
खराब आर्थिक हालात के मद्देनजर आम लोगों ने शुक्रवार को नेशनल असेंबली में हिंसक प्रदर्शन किए थे. इसके बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने फिर से इमरजेंसी लगाने की घोषणा की थी. श्रीलंका में एक महीने बाद दोबारा आपातकाल लगाया गया है. इसके पहले 1 अप्रैल को भी इमरजेंसी लगाई गई थी, जिसे 6 अप्रैल को हटा दिया गया था.