धनबाद: कोरोना संक्रमण महामारी की दूसरी लहर से एक और जहां ऑक्सीजन का संकट लगातार बना हुआ है। अस्पतालों में कोविड के गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है। ऐसे समय में आइआइटी आइएसएम खुद ही ऑक्सीजन बना कर कोरोना संक्रमितों के ऑक्सीजन की कमी को दूर कर रहा है। आइआइटी आइएसएम में एक के बाद करीब 50 से भी अधिक लोग कोरोना से संक्रमित हैं। सबसे बड़ी बात है कि यह ऑक्सीजन पूरी तरह प्राकृतिक है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की काफी चर्चा सुनी होगी और मौजूदा हालात में सभी इसके बारे में जानने की कोशिश भी कर रहे है। आज की इस रिपोर्ट में हम आपको बताएंगे कि ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आखिर है क्या और यह किस तरीके से काम करता है साथ ही यह मरीजों के लिए कितना फायदेमंद है।
क्या होता है ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
हमारे आसपास मौजूद हवा में कई तरह की गैसे हैं। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर वह मशीन है जो कि हवा में से ऑक्सीजन को अलग कर देता है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हवा को अपने भीतर लेकर उसमें से अन्य गैसों को अलग कर शुद्ध ऑक्सीजन की सप्लाई करता है। यदि कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है और घर पर रहकर इलाज करा रहा है तो यह उसके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। एक कंसंट्रेटर एक मिनट में 5 से 10 लीटर ऑक्सीजन सप्लाई कर सकता है। इसके अलावा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को ऑक्सीजन सिलेंडर की तरह बार-बार रिफिल करने की जरूरत नहीं होती है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के साथ में किसी और डिवाइस की जरूरत नहीं होती है। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को बिजली नहीं रहने पर इनवर्टर से चलाया जा सकता है।
क्या है ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसंट्रेटर में अंतर
अस्पताल में मरीजों को जो ऑक्सीजन दी जाती है वह अस्पताल के बड़े टैंकर्स में स्टोर रहती है। इन्हीं टैंकर्स से ऑक्सीजन की सप्लाई मरीज के बेड तक पाइपलाइन के जरिए पहुंचती है। वहीं ऑक्सीजन कंसंट्रेटर को छोटा और घरेलू ऑक्सीजन प्लांट की तरह है।
आइआइटी आइएसएम में करीब 50 प्रोफेसर, कर्मचारी और उनके परिजन कोराेना से संक्रमित है। जिनका उपाचार कैंपस में ही किया जा रहा है। सभी को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की सहायता से शुद्ध ऑक्सीजन दिया जा रहा है। प्रो. धीरज कुमार ने बताया कि आम तौर पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का उपयोग प्रयोगशाला में किया जाता है। यह एक इमरजेंसी व्यवस्था है। कोरोना संक्रमण वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए इसका उपयोग किया जा रहा है।