बेंगलुरुः आईएनएस विक्रमादित्य युद्धपोत पर आग लग गई है. वक्त रहते इस आग पर काबू पा लिया गया है. आग सेलर्स के कमरे में लगी थी. घटना के बाद नौसेना ने जांच के आदेश दे दिए हैं. जिस समय युद्धपोत में आग लगी थी उस वक्त आईएनएस विक्रमादित्य कर्नाटक के करवार हार्वर पर खड़ी थी. मिली जानकारी के मुताबिक किसी बड़े नुकसान की कोई खबर नहीं है. इस घटना में युद्धपोत पर तैनात सभी सदस्य सुरक्षित हैं.
युद्धपोत पर आग लगने की जानकारी ड्यूटी स्टाफ ने दी. ड्यूटी के दौरान एक स्टाफ ने धुंआ निकलता देखा जिसके बाद तुरंत अपने अधिकारियों को इस बात की सूचना दी. जानकारी के मुताबिक जिस हिस्से में आग लगी थी उस हिस्से में नाविकों (जवानों) के आवास हैं.
नौसेना के एक प्रवक्ता ने यहां एक बयान में बताया कि आग बुझा दी गई है और पोत में सवार सभी कर्मी सुरक्षित हैं. बयान में कहा गया है, ”ड्यूटी पर तैनात कर्मियों ने युद्धक विमान में नौसैनिकों के रहने वाले हिस्से से धुआं उठते देखा.”नौसेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है, ”पोत के ड्यूटी कर्मियों ने आग को बुझाने के लिए तत्काल कार्रवाई की. पोत में सवार सभी कर्मियों की गिनती की गई और कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा है.”
आईएनएस विक्रमादित्य का पुराना नाम एडमिरल गोर्शकोव है। कीव क्लास के इस विमान वाहक पोत को रूस से भारत ने 2.33 अरब डॉलर के सौदे के तहत खरीदा था। इसने 1996 तक सोवियत और रूसी नौसेना में अपनी सेवाएं दी हैं। खास बात है कि तीन फुटबॉल मैदानों के बराबर इस पोत पर कुल 22 डेक हैं और इसमें 1600 कर्मी रह सकते हैं। इस इकलौते विमानवाहक युद्धपोत को 16 नवम्बर, 2013 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
भारतीय नौसेना को अमेरिका से मिलने वाले सभी 24 एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर इसी विमान वाहक पोत से संचालित होंगे। इन्हें 2023 या अंत तक नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। नौसेना का दूसरा विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत अभी परीक्षण के दौर से गुजर रहा है। इसके 2021 के अंत या 2022 की शुरुआत में इसके नौसेना के परिवार का हिस्सा बनने की उम्मीद है।