रांची: पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के उपमुख्य सुरक्षा आयुक्त के रांची स्थित आवास पर बच्ची से यौन शोषण मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग ने मामले पर संज्ञान लेते हुए रांची के एसएसपी को पत्र लिखकर जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया। बच्चे की गोपनीयता को सुरक्षित रखते हुए 7 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि उपमुख्य सुरक्षा आयुक्त के आवास पर यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद आरोपित जवान को बर्खास्त कर दिया गया था। हालांकि आरपीएफ के आरोपित जवान शंभु नाथ द्वारा बच्ची का यौन शोषण करने और उसे बर्खास्त करने का मामला सामने आने के बाद उपमुख्य सुरक्षा आयुक्त मो. शाकिब की भूमिका भी सवालों के घेरे में हैं। चूंकि उन्होंने इस मामले में केवल विभागीय कार्रवाई की। लेकिन एफआइआर दर्ज कराने और सीडब्ल्यूसी को मामले का संज्ञान देना जरूरी नहीं समझा।
इन बिंदुओं पर मांगी गई रिपोर्ट
-पीड़िता की आयु की प्रमाणिक जानकारी।
-प्रकरण में दर्ज पोक्सो एक्ट 2012 के अंतर्गत एफआईआर की सत्यापित प्रतिलिपि
-आरोपित के विरुद्ध की गई कार्रवाई का विवरण।
-पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट की स्पष्ट एवं सत्यापित प्रतिलिपि।
-पीड़िता की काउंसलिंग हेतु की गई कार्रवाई का विवरण।
-पीड़िता के सीआरपीसी 164 के बयान के स्पष्ट एवं सत्यापित प्रतिलिपि।
बाल कल्याण समिति के आदेशों का स्पष्ट एवं सत्यापित प्रतिलिपि।
-क्या पीड़िता से बाल मजदूरी कराई जा रही थी, अगर हां तो बाल श्रम निषेध अधिनियम 1986 के अंतर्गत की गई कार्रवाई का विवरण।
-कोर्ट को भेजे गए आरोपपत्र की स्पष्ट एवं सत्यापित प्रतिलिपि।
-पीड़िता व उसके परिजनों की सुरक्षा के संबंध में उठाए गए कदम का विवरण।
-पीड़िता का पुनर्वास के संबंध में उठाए गए कदम के विवरण।