उत्तराखंड: टिहरी जिले के देवप्रयाग में मंगलवार को बादल फटने से जलसैलाब आ गया। इस जनसैलाब के बहाव में नगरपालिका भवन और आईटीआई बिल्डिंग समेत कई भवन जमींदोज हो गए। इसके साथ ही कम से कम 8 दुकानें डूबकर पूरी तरह से तबाह हो गईं। हालांकि, इस घटना में कहीं से भी जनहानि की खबर नहीं है। बताया जा रहा है कि कोरोना कर्फ्यू के कारण इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि टिहरी के देवप्रयाग थाना क्षेत्र में आज बादल फटने की घटना हुई है, जिसमें 7-8 दुकानों और आईटीआई की बिल्डिंग को भारी नुकसान हुआ है। इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है। पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और राहत और बचाव में जुट गई हैं।
गलवार शाम करीब चार बजे दशरथ पहाड़ पर बादल फटने से देवप्रयाग से निकलने वाली शांता नदी में सैलाब आ गया। शांता नदी यहां बस अड्डे से शांति बाजार होते हुए भागीरथी में मिलती है। सैलाब के साथ आए भारी बोल्डरों ने बाजार में तबाही मचा दी। आईटीआई की तीन मंजिला बिल्डिंग जमींदोज हो गई। आईटीआई भवन में स्थित कम्प्यूटर सेंटर, निजी बैंक समेत कई दुकानें ध्वस्त हो गईं। इसके अलावा शांता नदी पर बनी पुलिया और सड़क सहित वहां मौजूद ज्वेलर्स, कपड़े, मिठाई आदि की दुकानें भी ध्वस्त हो गईं।
इस जलसैलाब से शांति बाजार में करोड़ों का नुकसान होने का अनुमान है। पुलिस को अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। सैलाब से हुई तबाही के मलबे में किसी के दबने को लेकर भी फिलहाल स्थिति साफ नही है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि कोरोना कर्फ्यू के कारण आईटीआई सहित बाजार की दुकानों के बंद रहने और लोगों के घरों में रहने के कारण भारी जानमाल का नुकसान होने से बच गया। अगर कर्फ्यू की स्थिति नहीं होती तो बड़ी संख्या में जन हानि हो सकती थी। टिहरी एसएचओ ने बताया कि लोगों को अलर्ट कर दिया गया है और रेस्क्यू का काम चल रहा है।