नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने तब्लीगी जमात की गतिविधियों में शामिल होने के कारण 2550 विदेशी नागरिकों की भारत यात्रा 10 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। ये लोग टूरिस्ट वीजा पर भारत आकर धार्मिक कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। अब ये नागरिक अगले 10 साल तक भारत नहीं आ सकेंगे। सूत्रों के मुताबिक, ये नागरिक टूरिस्ट वीजा पर भारत आकर तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। इन नागरिकों को वीजा नियकों का उल्लंघन करने के लिए 10 साल के लिए प्रतिबंधित किया गया।
सूत्रों के मुताबिक, ब्लैकलिस्ट किए गए 2550 विदेशियों में नाइजीरिया, माली, म्यांमार, थाईलैंड, तंजानिया, केन्या, श्रीलंका, जिबूती, यूके (OCI कार्ड धारक), दक्षिण, अफ्रीका, बांग्लादेश ऑस्ट्रेलिया और नेपाल के नागरिक शामिल हैं।
इन सभी पर आरोप है कि कोरोना वायरस के संक्रमण शुरुआती दौर में इन्होंने गैरकानूनी तरीके से भीड़ इकट्ठा की, जिससे यह वायरस तेजी से फैला और फिर इसकी चपेट में देश के कई राज्यों के लोग आए। शुरुआती दौर में इनके कारण करीब एक तिहाई लोगों और 17 राज्यों में संक्रमण फैला और काफी लोगों की मौत हुई।
निजामुद्दीन मरकज में इकट्ठा हुए थे हजारों लोग
15 मार्च के आसपास देश में कोरोना वायरस का संक्रमण देश में फैलने के साथ लॉकडाउन की शुरुआत हो गई थी, लेकिन दिल्ली में धारा 144 लागू होने के बावजूद हजारों जमाती हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज में कई दिनों तक इकट्ठा रहे। इस दौरान कई कथित ऑडियो भी सामने आए, जिसमें हजरत निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज के मुखिया मौलाना साद यह कह रहे थे कि कोरोना वारयस से डरने की जरूरत नहीं है।
मौलाना साद की हुई थी काफी आलोचना
निजामुद्दीन मरकज में इकट्ठे हुए तब्लीगी जमात के लोगों की वजह से देश में कोरोना के कई मामले सामने आए थे। विभिन्न राज्यों में जाने से कोरोना तेजी से फैल गया था और इसके बाद मौलाना साद की भी काफी आलोचना हुई। वह आज भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
इस कड़ी में दिल्ली पुलिस ने पिछले बृहस्पतिवार को साकेत कोर्ट में 12 नई चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 541 विदेशी नागरिकों को आरोपित बनाया गया। पुलिस अब तक कुल 47 चार्जशीट फाइल कर चुकी है, जिसमें 900 से अधिक जमातियों को आरोपित बनाया गया है।