कोरोनावायरस के कारण आम श्रद्धालुओं को कपाट खोले जाने के समारोह से दूर रखा गया. सरकारी परामर्श के तहत अभी चार धामों की यात्रा पर रोक है. अभी केवल कपाट खोले गए हैं ताकि पुजारी अपने स्तर पर नित्य पूजाएं संपन्न करा सकें.
चमोली: उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालय में स्थित विश्वप्रसिद्ध बाबा केदारनाथ के धाम छह महीने बंद रहने के बाद बुधवार सुबह खोल दिए गए, जिसके बाद प्रथम पूजा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई. 11वें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ भगवान के कपाट मेष लग्न, पुनर्वसु नक्षत्र में सुबह 6 बज कर 10 मिनट पर विधि-विधान के साथ पूजा अर्चना के बाद खोले गए. इस अवसर पर मंदिर को10 क्विंटल फूलों से सजाया गया था.
कोरोनावायरस संकट के चलते रुद्रप्रयाग जिले में स्थित मंदिर के कपाट खुलने के अवसर पर केवल मुख्य पुजारी, मंदिर समिति के पदाधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी ही मौजूद रहे और इस दौरान सामाजिक दूरी सहित सभी प्रकार के नियमों का पालन किया गया.
महामारी के कारण आम श्रद्धालुओं को कपाट खोले जाने के समारोह से दूर रखा गया. सरकारी परामर्श के तहत अभी चार धामों की यात्रा पर रोक है. अभी केवल कपाट खोले गए हैं ताकि पुजारी अपने स्तर पर नित्य पूजाएं संपन्न करा सकें.
इससे पहले 27 अप्रैल को वार्षिक पंचमुखी डोली यात्रा निकाली गई लेकिन इस बार देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण इस यात्रा में कोई भी तीर्थयात्री शामिल नहीं हुआ. यह यात्रा, चार धाम तीर्थ यात्रा का एक हिस्सा है और आमतौर पर हर साल 1,000 से अधिक तीर्थयात्रियों के साथ सेना की कुमाओ बटालियन इसका नेतृत्व करती है. हालांकि, इस बार केदारनाथ मंदिर से केवल पांच लोगों द्वारा ही इस यात्रा को संपन्न किया गया.
केदारनाथ के पांच भक्तों ने सोमवार को भगवान पंचमुखी की मूर्ति के साथ एक पालकी निकाली. यह सभी भक्त 10 फीट बर्फ पर पैदल यात्रा करते हुए केदारनाथ पहुंचे.
इससे पहले, 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया पर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खोल दिए गए थे. चमोली में बदरीनाथ धाम के कपाट 15 मई को खुलेंगे.
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गढ़वाल हिमालय के चारधाम के नाम से प्रसिद्ध इन मंदिरों को सर्दियों में भीषण ठंड और भारी बर्फबारी की चपेट में रहने के कारण हर साल अक्टूबर-नवंबर में बंद कर दिया जाता है और फिर अप्रैल-मई में दोबारा खोला जाता है.