रांची: कोरोना वायरस के बढ़ रहे मामलों को देखते हुए पुलिसिया सख्ती बढ़ने जा रही है. अब हर संदिग्धों पर गंभीरता से नजर रखी जाएगी, ताकि इस वैश्विक महामारी को बढ़ने से रोका जा सके. इसके लिए अब होम क्वारंटीन सदस्यों औऱ संदिग्धों के फोन को 24 घंटे ट्रैक करने की तैयारी है. इससे यह पता चल सकेगा कि कौन लॉकडाउन और क्वारंटीन के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। संक्रमण की गंभीरता को नहीं समझ रहे हैं। ऐसे लोगों पर अब 24 घंटे पुलिस की नजर रहेगी.*
होम क्वारंटीन किए जाने के बावजूद बाहरी सें संपर्क की सूचना
विभाग को सूचना मिली है कि अब होम क्वारंटीन किए जाने के बावजूद लोग घरों से निकलकर एक-दूसरे से मिल जुल रहे हैं। क्वारंटीन सेंटर से भी संदिग्ध वहां के कायदे-कानून को नहीं मान रहे हैं। नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसी स्थिति में उनपर नजर रखने की जरूरत आ पड़ी है.
स्वास्थ्य सचिव डा. नितिन कुलकर्णी ने आपदा प्रबंधन के सचिव डा. अमिताभ कौशल को यह परामर्श दिया था कि कोविड-19 क्वारंटीन अलर्ट सिस्टम योजना को सख्त बनाने की जरूरत है. उन्होंने अपने सुझाव के साथ केंद्र के उस पत्र का हवाला दिया है, जिसमें होम क्वारंटीन किए गए व्यक्तियों व अन्य संभावित व्यक्तियों की मोबाइल ट्रैकिंग के माध्यम से नियमित जानकारी लेने की जानकारी दी गई है। उस पत्र का हवाला देते हुए स्वास्थ्य सचिव ने सक्षम स्तर पर मोबाइल नंबर प्राप्त कर सभी जिलों के एसपी व पुलिस मुख्यालय के विशेष शाखा को इस ट्रैकिंग के लिए अधीकृत करने का सुझाव दिया था।
ऐसे काम करेगा ट्रैकिंग सिस्टम
दूरसंचार विभाग ने एक सिस्टम विकसित किया है। अगर किसी कोरोना संक्रमित मरीज या संदिग्ध व उसके क्वारंटीन सेंटर से संबंधित डाटा उस सिस्टम में फीड कर दिया जाएगा तो वह व्यक्ति जहां उस सेंटर से बाहर निकलेगा, उससे संबंधित अलर्ट व मैसेज अधीकृत सरकारी एजेंसी के पास पहुंच जाएगा।
राज्य या केंद्र के अधीकृत पदाधिकारी ऐसे क्वारंटीन या संदिग्ध व्यक्ति के मोबाइल नंबर को दूरसंचार विभाग के उस पोर्टल पर फीड करेंगे। इससे यह होगा कि वह व्यक्ति जैसे ही नियम तोड़ेगा, उसका लोकेशन व उससे संबंधित मैसेज सरकारी अधीकृत एजेंसी को मिल जाएगी। इससे कोरोना का संक्रमण फैलने से रोका जा सकेगा। ऐसे लोगों पर नियम विरुद्ध कार्रवाई भी की जा सकेगी.