मुंबईः क्रूज ड्रग्स मामले में शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की किला कोर्ट में लगाई गई ज़मानत की अर्ज़ी शुक्रवार को खारिज हो गई है. इसका मतलब अभी आर्यन खान को जेल में ही रहना होगा. गुरुवार को मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा दिया था.
आर्थर रोड जेल में क्वारंटीन में रखे गए आर्यन खान
आर्यन खान और अरबाज़ मर्चेंट को जेल में बने क्वारंटीन सेल में रखा गया है. इन सब की आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है, लेकिन जेल की नई गाइडलाइंस के मुताबिक नए आरोपियों को 3 से 5 दिन के लिए क्वारंटीन सेल में रखा जाता है.
अगर इन दोनों में कोरोना के लक्षण 3-5 दिनों में देखे जाते हैं तो इन्हे इसी सेल में रखा जाएगा. फिलहाल आर्यन और अरबाज दोनों नई जेल की पहली मंजिल पर बैरक नंबर 1 में बंद हैं.
गुरुवार रात एनसीबी के दफ्तर में रहे आर्यन
कोर्ट ने बताया कि बिना कोविड रिपोर्ट आरोपियों को जेल में नहीं लिया जाता, इसलिए सभी को गुरुवार रात एनसीबी दफ़्तर में ही रहना होगा. जिसे आरोपियों के वकील ने स्वीकार किया. कोर्ट में सुनवाई के दौरान एनसीबी ने आरोपियों की एनसीबी हिरासत अवधि बढ़ाए जाने का अनुरोध किया, हालांकि, अदालत ने इसे अनुमति नहीं दी.
कोर्ट में आर्यन खान के वकील ने क्या कहा
गुरुवार को एनसीबी की रिमांड बढ़ाने की याचिका का विरोध करते हुए आर्यन के वकील सतीश मानेशिंदे ने कहा कि उनके मुवक्किल का किसी अन्य आरोपी से कोई संबंध नहीं है. वकील ने दावा किया कि आर्यन एक ‘VVIP Guest’ के रूप में क्रूज पर थे और ‘बॉलीवुड से जुड़ा एक व्यक्ति क्रूज में ग्लैमर जोड़ना चाहता था और इसलिए आर्यन को आमंत्रित किया गया था.’
वकील मानेशिंदे ने कहा, ‘मैं (आर्यन) क्रूज पर सवार किसी अन्य व्यक्ति या अन्य गिरफ्तार आरोपियों से किसी भी तरह नहीं जुड़ा हूं. मेरा आयोजकों या अन्य गिरफ्तार आरोपियों से कोई संबंध नहीं है.’ हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि आर्यन अरबाज मर्चेंट को जानते थे.
वकील ने कहा, ‘वह (मर्चेंट) मेरा दोस्त है, मैं इससे इनकार नहीं कर रहा हूं. लेकिन केवल एक व्यक्ति से संबंध ही मुझे हिरासत में रखने के लिए पर्याप्त नहीं है.’
तीन अक्टूबर को हुई थी गिरफ्तारी
आपको बता दें कि गोवा जा रहे क्रूज पर तीन अक्टूबर को की गई छापेमारी के दौरान आर्यन खान, मुनमुन धमेचा और अरबाज मर्जेंट को एनसीबी ने गिरफ्तार किया था जबकि बाकी पांच अन्य आरोपियों को अगले दिन गिरफ्तार किया गया था. रिमांड अवधि समाप्त होने पर आरोपियों को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आर एम नेर्लिकर के समक्ष पेश किया गया. यहां से इन्हें 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया.