हजारीबाग: हजारीबाग जिला अदालत ने गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव सहित तीन लोगों के हत्याकांड के दोषियों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई है. कोर्ट ने गैंगस्टर विकास तिवारी को अंतिम सांस तक कारावास की सज़ा सुनायी है. विकास तिवारी और संतोष पांडेय पर कुल 1 लाख 76 हज़ार 200 का जुर्माना लगाया गया है. जबकि अन्य दोषियों पर 36 हज़ार 200 का जुर्माना लगाया गया है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दोषियों द्वारा दी गयी जुर्माने की राशि पीड़ित परिवार यानी गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव के परिवार को दी जायेगी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि आइपीसी की विभिन्न धाराओं में हुई सजा अलग-अलग चलेंगी.
बता दें कि 11 सितंबर को हजारीबाग अपर सत्र न्यायाधीश-6 अमित शेखर की अदालत ने विकास तिवारी समेत पांच आरोपियों को हत्याकांड में दोषी करार दिया था.
हज़ारीबाग़ कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े की गई थी सुशील श्रीवास्तव समेत तीन की हत्या
गौरतलब है कि 2 जून 2015 को हज़ारीबाग़ कोर्ट परिसर में दिनदहाड़े कोर्ट में पेशी के लिए आए सुशील श्रीवास्तव, सहयोगी कमाल खान, ग्यास खान की हत्या भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एके- 47 से कर दी गई थी. घटना को अंजाम प्रतिद्वंदी गैंगस्टर पांडेय गिरोह द्वारा दिया गया था. घटना के मुख्य अभियुक्त विकास तिवारी,संतोष पांडेय,शंभुनाथ तिवारी,राहुल देव पांडेय,दिलीप साव,विकास साव,विशाल सिंह, प्रदीप पासवान व यूपी के मुख्य शूटर राज सिंह समेत अन्य को बनाया गया था.
स्पीड ट्रायल में मामले की सुनवाई एडीजे अमित शेखर की अदालत में चली. 42 गवाहों के बयान दर्ज होने और लंबी बहस के बाद 11 सितंबर को एडीजे 6 की अदालत ने विकास तिवारी,संतोष पांडेय, राहुल देव पांडेय,दिलीप साव और विशाल सिंह को दोषी करार देते हुए शम्भूनाथ तिवारी को रिहा कर दिया था और 22 सितंबर को सजा तय की तारीख तय की गई थी.
विकास तिवारी ने ली थी घटना की जिम्मेवारी
कोयलांचल में पांडेय गिरोह और श्रीवास्तव गिरोह में वर्चस्व को लेकर खूनी टकराव होते रहा है. इस टकराव में दोनों तरफ से दर्जनों हत्या की गई है. जो अब भी जारी है. 13 दिसंबर 2014 को पांडेय गिरोह के सरगना किशोर पांडेय की जमशेदपुर में कर दी गई थी. किशोर पांडेय के अंतिम संस्कार में एके- 47 से हवाई फायरिंग कर विकास तिवारी ने छह महीने में बदला लेने की कसम खाई थी.
छह महीने के ठीक पहले 2 जून को हज़ारीबाग़ कोर्ट परिसर में सुशील श्रीवास्तव सहित तीन लोगों की हत्या के बाद कोर्ट परिसर में ही प्रिंटेड पोस्टर में किशोर पांडेय की हत्या का बदला लिखित पोस्टर छोड़कर विकास तिवारी द्वारा घटना की जिम्मेवारी ली गयी थी. दो महीने बाद अगस्त में विकास तिवारी को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था तब से वह जेल में ही है. वर्तमान में वो पलामू जेल में बंद है.