झारखंड सरकार ने बिजली के ग्रामीण उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देते हुए डिले पेमेंट सरचार्ज माफ कर दिया है। कैबिनेट में लिए गए इस निर्णय को बिजली वितरण बोर्ड के निदेशक बोर्ड की मंजूरी के बाद तीन माह के लिए बुधवार को प्रभावी कर दिया गया। यह स्कीम 15 सितंबर तक लागू रहेगा। निगम के महाप्रबंधक (राजस्व) एएस दास ने सभी एरिया बोर्ड के महाप्रबंधकों समेत जिम्मेदार अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी करते हुए अधिकाधिक उपभोक्ताओं को लाभ देने का निर्देश दिया है।
उपभोक्ता बकाया राशि का भुगतान चार समान किश्तों में कर सकेंगे। एक किश्त की राशि बकाये की न्यूनतम 25 प्रतिशत होगी। हालांकि बकाया विवाद को लेकर जिन उपभोक्ताओं के खिलाफ मुकदमा दायर किया गया है, अथवा जुर्माना लगाया गया है, उनका डिले पेमेंट सरचार्ज माफ नहीं होगा। अप्रैल 2021 के अंतिम बिजली बिल के आधार पर ही वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का फायदा मिलेगा। स्कीम का फायदा उठाने के लिए उपभोक्ताओं को तमाम कानूनी विवादों का पूर्व में निपटारा आवश्यक है।
निपटारे के दौरान बिजली बिल के मद में वसूली गई ज्यादा राशि वापस कर दी जाएगी। उपभोक्ता नकद, चेक और इलेक्ट्रानिक माध्यमों से भुगतान कर सकते हैं। चेक बाउंस होने की स्थिति में उपभोक्ताओं को कानूनी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। ऐसे उपभोक्ताओं को राशि का 10 प्रतिशत अतिरिक्त दंड के तौर पर भुगतान करना होगा।
जिनका कनेक्शन काटा गया है वे भी उठा सकते हैं लाभ
स्कीम के तहत वैसे ग्रामीण उपभोक्ता भी लाभ उठा सकते हैं, जिनका बिजली कनेक्शन बिल नहीं चुकाने के कारण काटा जा चुका है। ऐसे उपभोक्ताओं को बकाया बिजली बिल का 40 प्रतिशत पहली किश्त के तौर पर चुकाना होगा। इसके लिए अधिकतम बकाया राशि बीस हजार रुपये निर्धारित की गई है। ऐसे उपभोक्ताओं का भी 100 प्रतिशत डिले पेमेंट सरचार्ज माफ होगा। वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का फायदा उठाने के लिए उपभोक्ताओं को निर्धारित फार्मेट में आवेदन दाखिल करना होगा। डिले पेमेंट सरचार्ज माफ करने से निगम को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई झारखंड सरकार करेगी।
सरकार को उठाना पड़ेगा राजस्व नुकसान
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के लगभग 30 लाख उपभोक्ता हैं। इन क्षेत्रों से बिजली बिल की वसूली काफी कम होती है। वन टाइम सेटलमेंट स्कीम का लाभ लगभग 26 लाख उपभोक्ता उठा पाएंगे। डिले पेमेंट सरचार्ज के साथ इनपर 1770.05 करोड़ रुपये का बकाया है। इस फैसले से सरकार को 401.31 करोड़ के राजस्व का नुकसान उठाना होगा। बगैर डिले पेमेंट सरचार्ज के रांची एरिया बोर्ड में 74.70 करोड़, दुमका एरिया बोर्ड में 297.05 करोड़, गिरिडीह एरिया बोर्ड में 192.69 करोड़, हजारीबाग एरिया बोर्ड में 233.17 करोड़, जमशेदपुर एरिया बोर्ड में 232.50 करोड़, मेदिनिनगर एरिया बोर्ड में 127.82 करोड़ और रांची एरिया बोर्ड के ग्रामीण उपभोक्ताओं पर 210.81 करोड़ रुपये का बकाया है।