रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का निधन हो गया है. वह पिछले 15 दिन से कोमा में थे. छत्तीसगढ़ राज्य के जोगी पहले सीएम थे. कार्डियक अटैक के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके बेटे अमित जोगी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी.
अमित जोगी ने बताया कि स्व. अजीत जोगी का अंतिम संस्कार गौरेला में होगा. श्री जोगी 1968 में आईएएस में सिलेक्ट होकर कलेक्टर बने थे. 29 अप्रैल 1964 को श्री जोगी का जन्म हुआ था.
आईपीएस और फिर आईएएस से लेकर मुख्यमंत्री पद तक का सफ़र तय करने वाले अजीत जोगी राजनीति के धुरंधरों में गिने जाते रहे हैं. नंगे पैर स्कूल जाने से लेकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई और ईसाई धर्म अपनाने से लेकर प्रशासनिक सेवा तक के सफ़र ने जोगी को परिपक्व बना दिया था. जोगी को ‘सपनों का सौदागर‘ भी कहा जाता रहा है. साल 2000 में जब जोगी ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो जोगी ने ख़ुद अपने को ‘सपनों का सौदागार‘ कहा था. उन्होंने कहा था कि ‘हाँ मैं सपनों का सौदागर हूं. मैं सपने बेचता हूं.
अजीत जोगी ने कांग्रेस को अलविदा कह प्रदेश में अपनी एक नई पार्टी बनाई. मज़बूत और ज़मीनी पकड़ रखने वाले क्षेत्रीय दल की कमी की वजह से प्रदेश के लोगों के पास भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के रूप में बस दो ही विकल्प थे.
अजीत जोगी ने विकल्प देने के लिए जनता जोगी कांग्रेस छत्तीसगढ़ नाम के एक राजनीतिक दल का गठन किया, वो भी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले. फिर उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करते हुए खुद के बारे में कहा कि इन चुनावों में वो ‘किंगमेकर‘ की भूमिका निभाएंगे. यानी जिसे वो चाहेंगे उसके हाथों में छत्तीसगढ़ की सत्ता की बागडोर होगी.
लेकिन उनका ये गठबंधन कामयाब नहीं हो पाया और कांग्रेस की लहर में भारतीय जनता पार्टी के साथ-साथ जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का भी प्रदर्शन निराशाजनक रहा था. अजीत जोगी की पार्टी 2018 विधानसभा चुनावों में भी सिर्फ़ तीन सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी.