खूंटी: टोक्यो ओलिंपिक में सोमवार को खेले गए क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारतीय महिला हॉकी टीम की जीत के साथ झारखंड के नक्सल प्रभावित खूंटी जिले में खुशी की लहर दौड़ गई। एक छोटे से गांव की बेटी ने इतिहास रच दिया। देश ओलिंपिक में एक और पदक का सपना देखने लगा है। ऑस्ट्रेलिया को हराकर टीम ने सेमिफाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली है। टीम के शानदार प्रदर्शन के बाद खूंटी सहित पूरे झारखंड के खेल प्रेमियों में उत्साह की लहर है।
महिला हॉकी टीम में खूंटी जिले के मुरहू प्रखंड के छोटे से गांव हेसल से आने वाली निक्की प्रधान टीम का हिस्सा हैं। वह दूसरी बार ओलिंपिक में खेल रही हैं। इससे पहले वर्ष 2016 में निक्की ने रियो ओलिंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था। अपने खेल की बदौलत निक्की ने अपने छोटे से गांव को भी नई पहचान दी है। निक्की के उपलब्धि पर उसके प्रारंभिक कोच, शिक्षक और जिला हॉकी संघ के सचिव दशरथ महतो ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा टीम में पदक जीतने की पूरी क्षमता है। जिला हॉकी संघ के उपाध्यक्ष अर्पणा हंस ने सफलता पर खुशी जताते हुए टीम को बधाई दी।
परिवार में उल्लास का माहौल
सोमवार को निक्की के पिता सोमा प्रधान व मां जीतनी देवी ने टीवी पर मैच देखा। मैच में जीत के बाद पूरे गांव में खुशी की लहर फैल गई। सभी एक-दूसरे को बधाई देने लगे। निक्की के पिता सोमा कहते हैं कि इस बार भारतीय महिला हॉकी टीम जीत कर ही देश लौटेगी। उन्हें उम्मीद है कि उसकी बेटी देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगी।गांव में पूरे दिन जश्न मनेगा। निक्की प्रधान पांच भाई बहनों में दूसरे नंबर पर है।
बड़ी बहन शशि प्रधान, दो छोटी बहन कांति और सरीना प्रधान तथा सबसे छोटा भाई गोविंद प्रधान भी हॉकी खिलाड़ी है। बड़ी बहन शशि तथा छोटी कांति प्रधान भी हॉकी के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी है और वर्तमान में रांची तथा धनबाद में रेलवे में पदस्थापित है। दूसरी ओर खूंटी के सांसद सह केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भारतीय महिला हॉकी टीम की सफलता पर बधाई दी है।