रांची: झारखंड में सोने के चार नए भंडार होने के संकेत मिलने के बाद भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण (जीएसआई) अब यहां सोने की मात्रा का पता लगाने का काम शुरू करेगी। हालांकि, यह काम अब बरसात के बाद भी शुरू हो सकता है। इस प्रक्रिया में दो साल का समय लग सकता है। सोने पाए जाने वाले खास तरह के क्वार्टज चट्टानों के उस स्थान पर धरती में कहां और कितनी गहराई तक होने का अनुमान लगाया जाएगा। अलग-अलग कोण से जमीन को ड्रिल कर प्राप्त नमूनों के आधार पर उनका रासायनिक विश्लेषण किया जाएगा। इससे अलग-अलग गहराई में संभावित गुणवत्ता का अनुमान भी लगाया जाएगा।
जानिए कहां मिला हैं सोना होने का अंदेशा : सिमडेगा जिले में भी स्वर्ण भंडार के संकेत मिले हैं। यह सिमडेगा के करसई प्रखंड के सागजोग बागबेड़ा गांव के पास है। इसके अलावा जमशेदपुर के कोकपाड़ा और चिरूगोड़ा में भी सोना पाए जाने के प्रमाण मिले हैं। कोकपाड़ा धालभूमगढ़ प्रखंड में है और चिरूगोड़ा गम्हरिया प्रखंड में है। सरायकेला-खरसावां के बच्चनकोचा और हलेन रघुनाथपुर गांवों के पास भी सोने के होने की संभावना है। ये गांव नीमडीह प्रखंड में हैं।
प्रारंभिक जांच में हो चुकी है पुष्टि : भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण (जीएसआई) के प्रयोगशालाओं की प्रारंभिक जांच में झारखंड में सोने के चार नए भंडार होने के संकेत मिले हैं। इसकी पुष्टि हुई है। भारत सरकार के भूतात्विक कार्यक्रम पर्षद ने भी जीएसआई की रिपोर्ट को हरी झंडी मिल गई है। अब यहां जमीन के अंदर स्वर्ण भंडार का पता लगाने के लिए गहन अनुसंधान होगा। इससे पता चल पाएगा कि इन चारों स्थानों पर जमीन के नीचे सोने की कितनी मात्रा है।