केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के 151 बेहतर अनुसंधानकों को वर्ष 2022 के लिए केंद्रीय गृह मंत्री मेडल की अनुशंसा कर दी है। यह मेडल बेहतर अनुसंधान के लिए प्रति वर्ष दिया जाता है। इस वर्ष झारखंड से सिर्फ दो पदाधिकारियों को बेहतर अनुसंधान के लिए केंद्रीय गृह मंत्री मेडल मिला है। इन पदाधिकारियों में सीआइडी के डीएसपी जेपीएन चौधरी व रांची जिला बल में चान्हो थाने में पदस्थापित महिला दारोगा रूपा बाख्ला शामिल हैं। सीआइडी के डीएसपी जेपीएन चौधरी को गुमला में समेकित जनजाति विकास अभिकरण के सरकारी खाते से फर्जी चेक के माध्यम से नौ करोड़ पांच लाख 16 हजार 700 रुपये की अवैध निकासी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह को पकड़ने व रुपयों की बरामदगी करने के लिए यह मेडल मिला है। उन्होंने बेहतर अनुसंधान की बदौलत एक बड़े रैकेट का खुलासा किया। वहीं, चान्हो थाने की महिला दारोगा रूपा बाख्ला को वहां एक सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को सुलझाने के लिए बेहतर अनुसंधान का पदक मिला है। चान्हो में सेना बहाली के लिए दौड़ का अभ्यास कर रही एक नाबालिग को अगवा कर कार में सामूहिक दुष्कर्म करने वाले सभी तीनों आरोपितों को महिला दारोगा ने 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया था।
जेपीएन चौधरी ने गुमला केस को सुलझाया तो पलामू केस भी सुलझा
गुमला थाना में एक अक्टूबर 2019 को समेकित जनजाति विकास अभिकरण के अपर परियोजना निदेशक वीरेंद्र कुमार सिन्हा ने एसबीआइ स्थित सरकारी खाते से नौ करोड़ पांच लाख 16 हजार 700 रुपये के गबन की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पूरा मामला फर्जी चेक से निकासी का था। उक्त राशि ओडिशा में एक्सिस बैंक के कोटपाद शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया था। एक ही व्यक्ति ने दो फर्जी हस्ताक्षर कर इस राशि की निकासी की थी। यह गलत ढंग से एक सुनियोजित साजिश के तहत किया गया था। दर्ज प्राथमिकी में एसबीआइ की गुमला शाखा में कार्यरत संबंधित कर्मी-पदाधिकारी को आरोपित किया गया था। गुमला थाने में दर्ज इस केस को सीआइडी ने टेकओवर किया था। डीएसपी जेपीएन चौधरी कांड के अनुसंधानकर्ता बनाए गए थे। उन्होंने इस केस का पूरी तरह खुलासा किया, रुपयों की बरामदगी की और इस पूरे गिरोह में शामिल अंतरराज्यीय गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा। डीएसपी जेपीएन चौधरी न न सिर्फ गुमला के इस गबन केस को सुलझाया, बल्कि पलामू में भू-अर्जन कार्यालय पलामू के डालटनगंज एसबीआइ स्थित खाते से 12 करोड़ 60 लाख रुपये की अवैध निकासी को भी सुलझा दिया। दोनों ही जिलों में फर्जी निकासी में एक ही गिरोह शामिल पाया गया था।
रूपा बाख्ला ने सामूहिक दुष्कर्म केस का 24 घंटे में किया खुलासा
रांची के चान्हो थाने में पदस्थापित महिला दारोगा रूपा बाख्ला ने महज 24 घंटे के भीतर एक नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के केस का खुलासा कर दिया। यह केस इसी वर्ष जनवरी महीने की है। सेना में दौड़ का अभ्यास करने के क्रम में ही नाबालिग को आइ-10 कार में सवार अपराधियों ने हाइवे से अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया था और रास्ते में उतारकर भाग गए थे। नाबालिग ने इसकी सूचना पुलिस को दी। कांड की अनुसंधानकर्ता महिला दारोगा रूपा बाख्ला को बनाया गया। उनके नेतृत्व में टीम ने चान्हो से रिंग रोड के बीच पेट्रोल पंप को छान मारा। रिंग रोड स्थित सौम्या पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज से कार की पहचान हुई। इसके बाद महज 24 घंटे के भीतर तीनों ही आरोपित नगड़ी के सोपारम निवासी सोहन कुमार, चान्हो के पंडरी निवासी इरशाद अंसारी व कुदुस अंसारी पकड़े गए। उक्त कार व घटना के प्रयुक्त चाकू की भी बरामदगी हो गई थी। पोक्सो अधिनियम में दर्ज इस मामले के सभी तीनों आरोपित जेल में हैं। मामला न्यायालय में विचाराधीन है।