झारखण्ड: सूबे के सभी निजी अस्पतालों में ई ओपीडी (टेली कॉन्फ्रेंसिंग) की सेवा शुरू की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने बुधवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि डायबिटीज, हाइपरटेंशन समेत बहुत सी बीमारियों के मरीजों को नियमित रूप से चिकित्सा सहायता की जरूरत होती है। वैसे मरीज जिन डॉक्टरों से इलाज करा रहे होते हैं उसी से इलाज कराना चाहते हैं। ऐसे में निजी अस्पतालों में भी टेली कॉन्फ्रेंसिंग से परामर्श देने की सुविधा शुरू की जा रही है। डॉ कुलकर्णी ने कहा कि इस मुद्दे पर बुधवार को आईएमए के प्रतिनिधियों से बातें हुई है। आईएमए ने इसको लेकर राज्य सरकार को आश्वस्त किया है।
मई में 51933 गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव की तैयारी :
डॉ कुलकर्णी ने झारखंड मंत्रालय के सभागार में पत्रकारों को बताया कि राज्य में कुल 51 हजार 935 गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार की गई है। इनकी डिलिवरी मई माह में होनी है। इसके लिए प्रोटोकॉल निर्धारित है। इसमें से जिन महिलाओं के कोविड जांच की जरूरत है उसकी जांच अभी करा लेने की सलाह दी गई है। प्रोटोकॉल के तहत इन सभी गर्भवती महिलाओं को ससमय प्रसव से संबंधित सभी चिकित्सीय सुविधाएं उपलब्ध हो यह सरकार की प्राथमिकता है। पिछले दिनों निजी अस्पतालों में इलाज से इनकार करने के बाद गर्भस्थ शिशु की मौत के मामले में उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। एक दो दिनों में रिपोर्ट जाएगी। इसमें जो दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। प्रधान सचिव ने बताया कि 4 मई को ही राज्य सरकार द्वारा सरकारी के साथ साथ सभी निजी चिकित्सकों एवं चिकित्सा संस्थानों को निर्देश दिया गया है कि कोविड-19 के अलावा अन्य बीमारियों का भी उपचार प्राथमिकता के तौर पर किया जाए। कोताही बरतने वालों पर कार्रवाई होगी।
राज्य में 99.17 प्रतिशत रिपोर्ट निगेटिव:
प्रधान सचिव ने बताया कि राज्य में अभी भी जो मरीज मिले हैं वह सभी कांटैक्ट ट्रेसिंग के आधार पर ही मिले हैं। अभी तक राज्य में 15 हजार 130 सैंपल की जांच हुई है। इसमें से 15005 निगेटिव जबकि 125 7पॉजिटिव मिले हैं। यानी 99.17 प्रतिशत निगेटिव रिपोर्ट है। राज्य में पॉजिटिविटी का प्रतिशत महज .83 प्रतिशत है। जबकि डबलिंग रेट में हम फिलहाल नेशनल रेट से काफी बेहतर हैं। राज्य में मरीजों का डबलिंग रेट 27.8 दिन है जबकि डेथ रेट 2.4 है। नेशनल डेथ रेट 3.43 है।
झारखंड में बनाए गए हैं 46 कंटेनमेंट जोन :
डॉ. कुलकर्णी ने कहा कि कोरोना को देखते हुए पूरे राज्य में कुल 46 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं। बनाए गए कंटेनमेंट जोन में 71868 परिवार निवास करते हैं। राज्य में विभिन्न कंटेनमेंट जोन से अब तक 8 हजार 71 लोगों का सैंपल लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य अब तक मिले पॉजिटिव मरीजों 2714 कांटैक्ट ट्रेसिंग की गई है। रांची के हिंदपीढ़ी के आसपास पीपी कंपाउंड, कडरू, कोनका बस्ती अपर बाजार क्षेत्रों में 38000 परिवारों का सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है। जहां भी संभावित संदिग्ध दिखे हैं उनका सैंपल लिया गया है। कुलकर्णी ने बाताय कि राज्य में कोरोना जांच जांच बढ़ाने को लेकर लगातार संसाधन बढ़ाए जा रहे हैं। निजी लैब में भी जांच शुरू हो चुकी है। इमरजेंसी के लिए जिलों में जांच के लिए ट्रूनेट मशीनों का ऑर्डर दिया गया है। अगले सप्ताह तक 7-8 मशीनें मिल जांएगी।