दुलमी: रामगढ़ के दुलमी प्रखंड क्षेत्र के बोंगासोरी के फैजुल रज्जा मदरसा में छात्रवृत्ति में अनियमितता का मामला उजागर हुआ है. यहां 30-35 वर्षीय कई शादीशुदा महिला-पुरुषों को सातवीं व आठवीं कक्षा का छात्र बताकर छात्रवृत्ति दे दी गयी है. अधिकारियों ने जब जांच की, तो इसका खुलासा हुआ है. इससे अभिभावकों में नाराजगी है.
फैजुल रज्जा मदरसा में कौसर नेयाज, मुबारक अंसारी, मंजर आलम, ताहिर अंसारी समेत लगभग एक दर्जन महिला-पुरुष शामिल हैं, जिन्हें छात्रवृत्ति दी गयी है. इनके खाते में छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान ब्रांच को-ऑर्डिनेशन द्वारा किया गया है. इसके अलावा दस हजार सात सौ रुपये की छात्रवृत्ति राशि में प्रधानाध्यापक द्वारा मात्र पांच हजार रुपये का भुगतान किया गया है. इसका खुलासा प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी व कल्याण पदाधिकारी की जांच में हुआ.
जानकारी के अनुसार बोंगासोरी गांव की अंजुमन कमेटी द्वारा रामगढ़ उपायुक्त को एक आवेदन दिया गया था. पत्र के आलोक में दुलमी के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सुरेश चौधरी व कल्याण पदाधिकारी आलोक मित्रा ने मदरसा पहुंच कर इस संबंध में जांच की, तो पता चला कि पिछले डेढ़ साल से मदरसा बंद है.
अधिकारियों ने मदरसा के प्रधानाध्यापक सेराजुद्दीन अंसारी से पूछताछ की, तो उन्होंने बताया कि 154 छात्रों का आवेदन छात्रवृत्ति के लिए भेजा गया था, जिसमें 134 छात्रों के आवेदन स्वीकृत हुए. इस संदर्भ में ग्रामीणों ने बताया कि इसमें से अधिकतर छात्रों का पासबुक प्रधानाध्यापक अपने पास रखे हुए हैं. दबाव के बाद पासबुक वापस किया गया. उधर, अधिकारियों ने कहा कि जांच रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी जायेगी.
आरोप है कि प्रधानाध्यापक ने छात्रा जूही फातिमा, आशिया खातून, सबीना खातून, सलीम अंसारी, साहिन प्रवीण, मजीबुन निशा, वारिस राजा सहित कई छात्रों के खाते में दस हजार सात सौ रुपये में मात्र पांच हजार रुपये देकर बाकी अपने पास राशि रख ली. इससे अभिभावकों में काफी नाराजगी है.