झारखंड के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने आज बुधवार (3 मार्च, 2021) को वित्तीय वर्ष 2021- 22 का बजट पेश किया. झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 91,277 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया. इसमें न सिर्फ युवाओं को रोजगार के लिए लोन में अनुदान की सुविधा दी जायेगी, बल्कि सार्वभौमिक पेंशन योजना के जरिए असहायों व बुजुर्गों को पेंशन को लेकर परेशान नहीं होना पड़ेगा. झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने हर वर्ग का ध्यान रखते हुए न सिर्फ झारखंड खुला विश्वविद्यालय खोलेगी, बल्कि असंगठित कर्मकारों को भी योजनाओं से लाभान्वित किया जायेगा. इन योजनाओं से झारखंड में समृद्धि आयेगी.
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना : मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांग युवाओं को खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन की राशि का 40 प्रतिशत या अधिकतम पांच लाख रुपये का अनुदान देने का प्रावधान किया गया है.
सार्वभौमिक पेंशन योजना : झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (सार्वभौमिक पेंशन योजना) शुरू करने जा रही है. इसके तहत बुजुर्ग, विधवा, दिव्यांग एवं अनाथों की सरकार सुध लेगी और उन्हें पेंशन राशि के जरिए आर्थिक मदद करेगी. झारखंड असहाय व लाचार लोगों पेंशन के लिए अब ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ेगा.
झारखंड खुला विश्वविद्यालय : झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार वित्तीय वर्ष 2021-22 में झारखंड खुला विश्वविद्यालय(झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी) की स्थापना करेगी, ताकि झारखंड के सुदूर इलाके और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों तक उच्चतर शिक्षा की पहुंच हो सके.
झारखंड असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा योजना : वित्तीय वर्ष 2021-22 में डेढ़ लाख श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन करते हुए उन्हें इस सामाजिक सुरक्षा योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य है. इसके तहत असंगठित कर्मकार मृत्यु/दुर्घटना सहायता योजना, अंत्येष्टि सहायता योजना, असंगठित कर्मकारों के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री छात्रवृत्ति योजना, कौशल उन्नयन योजना एवं चिकित्सा सहायता योजना का लाभ मिलेगा.
मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना : वित्तीय वर्ष 2021-22 में झारखंड की हेमंत सरकार नयी योजना शुरू करने जा रही है. इसी वित्तीय वर्ष से सरकार मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना लागू करेगी. स्फूर्ति योजना : स्फूर्ति योजना यानी स्कीम ऑफ फंड फॉर रिजेनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज के अंतर्गत स्वीकृत सात कलस्टर का कार्यान्वयन वित्तीय वर्ष 2021-22 में किया जायेगा. वित्तीय वर्ष 2021-22 में माइनिंग कोरिडोर के निर्माण के साथ-साथ गिरिडीह, धनबाद और देवघर में रिंग रोड का निर्माण किया जायेगा. इसी क्रम में गुरुजी किचन योजना शुरू की जायेगी. इसके तहत चलाये जा रहे दालभात केंद्रों के अलावा नये भोजन केंद्र खोले जायेंगे.