राज्य की दुमका और बेरमो विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से दुमका सीट पर प्रत्याशी की घोषणा कर दी गई है। जेएमएम के केंद्रीय महासचिव विजय कुमार सिंह ने कहा है कि दुमका से बसंत सोरेन जेएमएम के प्रत्याशी होंगे। बता दें कि बसंत सोरेन शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई हैं। इस सीट से कल्पना सोरेन के भी चुनाव लड़ने की खबरें पहले आ रही थी। लेकिन मंगलवार को जेएमएम की ओर से बसंत सोरेन को दुमका सीट से प्रत्याशी बनाने की घोषणा कर दी गई है।
बसंत सोरेन 2016 में लड़ चुके हैं राज्यसभा चुनाव
बसंत सोरेन इससे पहले चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें हार मिली थी। साल 2016 में हुए राज्यसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उन्हें अपना अधिकृत उम्मीदवार बनाया था, लेकिन पर्याप्त आंकड़े रहने के बाद भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। 2016 में हुए राज्यसभा चुनाव में विपक्ष के दो 2 विधायकों के क्रॉस वोटिंग और दो के अनुपस्थित होने के कारण झामुमो प्रत्याशी बसंत सोरेन को हार का मुंह देखना पड़ा था। विपक्ष की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक चमरा लिंडा और कांग्रेस के पांकी से विधायक बिट्टू सिंह वोट डालने नहीं पहुंचे थे।
2016 के बाद राज्य में चार बार 2018 में राज्यसभा, 2019 में लोकसभा और विधानसभा और 2020 में राज्यसभा चुनाव हुए लेकिन बसंत सोरेन ने दोबारा चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं जताई। लेकिन तीन नवंबर को दुमका में होने वाले चुनाव के लिए बसंत सोरेन को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
पिता राज्यसभा सांसद, बड़ा भाई मुख्यमंत्री, भाभी विधायक
बसंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन राज्यसभा सांसद हैं। उनके बड़े भाई हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं जबकि उनकी भाभी दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन जामा से विधायक हैं। ऐसे में बसंत सोरेन और पार्टी के कार्यकर्ताओं पर उनकी जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी ज्यादा होगी।
भाजपा की ओर से प्रत्याशी की घोषणा नहीं, लेकिन रेस में लुइस मरांडी सबसे आगे
दुमका विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा की ओर से फिलहाल प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि इस सीट से भाजपा की पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक लुईस मरांडी को प्रबल दावेदार माना जा रहा है। 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में लुइस मरांडी ही भाजपा की उम्मीदवार थी। लुइस को हेमंत सोरेन से हार का सामना करना पड़ा था।