झारखंड में पहली बार नवजात को निमोनिया से सुरक्षित रखने के लिए टीका लगाया जाएगा। इसकी शुरुआत जून के दूसरे सप्ताह से होगी। पहले महीने के लिए झारखंड सरकार को केंद्र सरकार से 77 हजार 200 टीके दिए गए हैं। राज्य के हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारी सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि आज से पहले तक राज्य में मिशन इंद्रधनुष के तहत चल रहे टीकाकरण अभियान में इस टीका को शामिल नहीं किया गया था। केंद्र सरकार की तरफ से कोविड के बाद पहली बार इसका निर्णय लिया गया है।
बच्चों को दिए जाएंगे टीके तीन डोज
न्यूमोकोकल कांग्जोगेट वैक्सीन (PCV) नाम के इस वैक्सीन का तीन डोज बच्चों को दिए जाएंगे। पहला डोज एक हीने से डेढ़ माह के बच्चों को दिया जाएगा। उसी बच्चों को दूसरा डोज 3.5 माह पूरा होने पर दिया जाएगा और तीसराव आखिरी बूस्टर डोज बच्चों के नौ महीने पूरे होने पर दिए जाएंगे।
झारखंड में हर साल 8.5 लाख बच्चे जन्म लेते हैं
इस वैक्सीन की शुरुआत इस साल अप्रैल और मई के महीने में जन्म लेने वाले बच्चों से की जाएगी। जो बच्चे इस दौरान जन्म लेंगे उन्हें वैक्सीन की पहली डोज लगाई जाएगी। झारखंड में हर साल 8.5 लाख बच्चे पैदा होते हैं। अगर महीने के लिहाज से देखें तो यह संख्या 71-72 हजार बच्चे प्रति महीने हैं। अगले साल से इसे केंद्र सरकार के मिशन इंद्रधनुष योजना में शामिल कर लिया जाएगा।
हेल्थ वर्कर्स को दिया जा रहा है प्रशिक्षण
नवजात को टीका देने से पहले राज्य के सभी प्रखंडों में हेल्थ वर्कर्स को प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसे अगले दो-तीन दिन में पूरा कर लिया जाएगा। 5 जून को राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों चल रहा सघन जांच अभियान समाप्त हो जाएगा। इसके अगले दिन से निमोनिया की वैक्सीन का टीकाकरण प्रारंभ हो जाएगा।