रांची : केंद्र सरकार ने झारखंड को एक बार फिर झटका दिया है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने झारखंड सरकार के अकाउंट से 714 करोड़ रुपये की कटौती कर ली है. यह कटौती डीवीसी को बकाया भुगतान न किये जाने के चलते की गयी है. डीवीसी का झारखंड विद्युत निगम लि. पर पांच हजार करोड़ रुपये बकाया हैं.
छह जनवरी को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार के खाते से कटौती का पत्र जारी किया गया है. इसमें कहा गया कि डीवीसी के बकाया भुगतान के लिए 714 करोड़ रुपये की कटौती त्रिपक्षीय समझौते के तहत की गयी है.
यह समझौता केंद्र सरकार, आरबीआइ और राज्य सरकार के बीच साल 2016 में हुआ था. बता दें कि इसके पहले पिछले साल नंवबर में आरबीआइ ने राज्य सरकार के खाते से 1417.50 करोड़ की कटौती की थी. ऐसे में ये दूसरी बार है जब केंद्र सरकार की ओर से ये कटौती की गयी है.
बता दें छह जनवरी को ही झारखंड सरकार के कैबिनेट ने त्रिपक्षीय समझौते से बाहर होने का निर्णय लिया है. इसके बाद राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय उर्जा मंत्रालय और आरबीआई को इस मामले में पत्र लिखा गया.
इस पत्र में झारखंड के खाते से आरबीआई की ओर से किसी भी संभावित कटौती पर रोक लगाने की अपील की गयी थी, लेकिन इसी दिन केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने आरबीआई को झारखंड के खाते के कटौती का पत्र जारी कर दिया.
2114.18 करोड़ का दावा किया है डीवीसी ने
इस मामले में केंद्रीय उर्जा सचिव संजीव एन सहाय की ओर से आरबीआई गर्वनर को जो चिट्ठी लिखी गयी है, उसमें जिक्र है कि झारखंड सरकार के खाते से डीवीसी के बकाया 2114.18 करोड़ वसूलने के लिए 714 करोड़ की कटौती कर केंद्र सरकार के खाते में जमा कराया जाये. इसके बाद आरबीआई ने कार्रवाई करते हुए राशि की कटौती कर ली है.
बताया जा रहा है कि 30 नवंबर 2020 तक जेबीवीएनएल पर डीवीसी के 4949.56 करेाड़ बकाया हैं. राज्य सरकार ने इस राशि में अविवादित 3558.68 करोड़ देने पर सहमति जतायी थी.