रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में लागू ई-पास को आसान करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ई-पास जरूरी है। उन्होंने कहा है कि सब्ज़ी और दूध लाने के लिए मोटरसाइकिल से जाने की जरूरत नहीं है. लोग पैदल चलकर भी यह काम कर सकते हैं।
राज्य सरकार का यह कदम कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए उठाया गया है। सरकार का यह नीतिगत निर्णय है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच ने इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद इस याचिका को ख़ारिज कर दी है।रांची के धुर्वा निवासी राजन कुमार सिंह ने झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता अनूप अग्रवाल के माध्यम से ई-पास की पेचीदगियों को खत्म करने के लिए जनहित याचिका दाखिल की थी।
याचिकाकर्ता ने कहा था ई-पास में मांगी जा रही है निजी जानकारी
वहीं इस जनहित याचिका में यह भी कहा गया है कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के दौरान लोगों की आवाजाही काफी कम है और बिना जरूरत के लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं। ऐसे में ई पास जारी किये जाने के लिए जो जानकारी मांगी जा रही है उससे निजता का हनन होने की भी पूरी संभावना है। क्योंकि ई पास लेने के लिए आपको आपकी हर गतिविधि की जानकारी साझा करनी होगी। सरकार की तरफ से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने इस याचिका का पुरजोर विरोध किया।
झारखंड में 27 मई तक है ई-पास की व्यवस्था
स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत झारखंड में 16-27 मई तक सख्ती बरती जा रही है। इस दौरान लोगो के मूवमेंट को कम रखने के लिए ई-पास की व्यवस्था लागू की गई है। इसके तहत बाइक या कार से भी निकलने पर लोगों को ई-पास लेना पड़ रहा है। इसमें उन्हें बताना होता है कि वे कितनी से कितनी देर तक बाहर रहेंगे। कहां-कहां जाएंगे। इसी के आधर पर उन्हें पास मुहैया कराया जा रहा है।