दुमका: केंद्रीय गृह मंत्रालय और झारखंड सरकार के गृह कारा और आपदा प्रबंधन विभाग के नए नियमों की वजह से प्रदेश में रिवॉल्वर और पिस्टल का लाइसेंस लेना आसान हो गया है। इससे आवेदकों को अब प्रमंडलीय आयुक्त (डिविजनल कमिश्नर) के ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब एनपी बोर रिवॉल्वर और पिस्टल का लाइसेंस सीधे उपायुक्त जारी करेंगे। पहले ये लाइसेंस उपायुक्त की अनुशंसा पर प्रमंडलीय आयुक्त जारी करते थे।
अब प्रमंडल आयुक्त की अनुशंसा की जरूरत नहीं
झारखंड में संथाल परगना के प्रमंडलीय आयुक्त अरविंद कुमार ने इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के नियमों और राज्य सरकार के गृह कारा और आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से हाल में जारी निर्देशों के मद्देनजर दुमका, देवघर, जामताड़ा, गोड्डा, साहेबगंज और पाकुड़ जिले के उपायुक्त को पत्र भेजा गया है।
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संथाल परगना के प्रमंडलीय आयुक्त ने दी जानकारी
इसमें एनपी बोर रिवॉल्वर और पिस्टल के लाइसेंस को लेकर दिए गए एप्लिकेशन को अपने स्तर से देखने और सभी जरूरी प्रक्रियाओं के साथ इसे पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इसमें आयुक्त कार्यालय से स्वीकृति लेना जरूरी नहीं है।
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उपायुक्त जारी करेंगे रिवॉल्वर और पिस्टल का लाइसेंस
संथाल परगना प्रमंडल में अलग-अलग जिलों से एनपी बोर रिवॉल्वर और पिस्टल के लाइसेंस को लेकर लंबित लगभग 32 आवेदन को सूचीबद्ध कर संबंधित जिले के उपायुक्त को भेज दिया गया है। अब तक लाइसेंस जारी करने से पहले उपायुक्त के स्तर पर आयुक्त को फाइल भेजी जाती थी। अब संबंधित जिले के उपायुक्त अपने स्तर से सीधे लाइसेंस जारी कर सकते हैं।