कोविड जांच के बाबत मोबाइल पर संपर्क करने पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नितिन मदन कुलकर्णी ने कहा कि सरकार दुमका, पलामू एवं हजारीबाग में कोविड जांच केंद्र को प्रारंभ कराने के लिए पूरी तरह गंभीर है। लैब इंस्टॉलेशन के लिए किसी एजेंसी को नामित किया जा रहा है। ताकि कम समय में लैब बनकर तैयार हो जाय। चूंकि यह लैब सामान्य लैब से बहुत अलग होता है। कोविड जांच केंद्र को पूर्णरूप से तैयार होने में कम से कम चार सप्ताह का समय लगता है।
जानकारी हो कि सरकार ने सूबे के तीन जिला दुमका, पलामू में कोविड जांच शुरू करने की घोषणा किया था। सभी जिला प्रशासन को सरकार के इस प्रस्ताव की सूचना देकर भवन का चयन कर सूचित करने को कहा गया था। दुमका में डीएमसीएच को कोविड अस्पताल बनाया गया है। इसी भवन के एक हिस्से को लैब के लिए चिन्हित किया गया है। अत्याधुनिक उपकरण के लिए निविदा निकाल दी गयी है। 2 मई को निविदा की मियाद पूरी हुई। लेकिन निविदा में कोई भी एजेंसी सफल नहीं हो पायी। यदि उपकरण के आपूर्ति एजेंसी मानक पर खड़ा होती और कार्य का आदेश मिल जाता तो उम्मीद थी कि 20 मई तक लैब का उपकरण आ जाता।
बता दें कि लैब के इंस्टॉलेशन से लेकर संचालन के लिए मैन पावर एवं तमाम इंतजाम सरकार के ही स्तर से होना है। प्रशासन के जिम्मे केवल संरचना तैयार करना है। उपायुक्त राजेश्वरी बी ने कहा कि निविदा में एजेंसी के कागजात में कई तकनीकी खामियां मिली, इसलिए अयोग्य कर दिया गया।
कोविड जांच लैब का प्रारंभिक कार्य देख रहे माइक्रो बायोलॉजिस्ट डॉ. विकास उरांव ने कहा कि जांच घर में डीप फ्रीजर, बायोसेफ्टी कैबिनेट व अन्य उपकरण होते हैं। डीएमसीएच के प्राचार्य डॉ. हीरालाल मुर्मू ने कहा कि आइसीएमआर (इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च) का गाइड लाइन ही लैब के मानक को तय करता है। जानकारी हो कि लैब के इंस्टॉलेशन की पूरी प्रक्रिया हो जाने के बाद भारत सरकार की यह संस्था अपनी रिपोर्ट देगी। वह जांच के लिए बने लैब के मानक पर अपनी राय देगी। आसीएमआर के रिपोर्ट पर ही सरकार दुमका में कोविड जांच शुरू कराएगी।