मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की। कांग्रेस आलाकमान से मुख्यमंत्री की मुलाकात के बाद झारखंड के राजनीतिक गलियारों में कैबिनेट विस्तार की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है। इसके साथ ही मुलाकात के दौरान बोर्ड और निगम के खाली पदों की नियुक्ति पर भी गुत्थी सुलझाने के आसार हैं। हेमंत सोरेन रविवार शाम को दिल्ली पहुंचे थे। मंगलवार को वे रांची लौटेंगे।
हालांकि हेमंत सोरेन सोनिया और राहुल गांधी से मुलाकात को औपचारिक बता रहे हैं। किसी भी अफवाह को खारिज कर रहे हैं। सोनिया गांधी से मुलाकात के दौरान कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह और राज्यसभा सांसद धीरज साहू भी उपस्थित रहे।
कांग्रेस अपने कोटे से एक मंत्री की रही है मांग
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह पिछले एक महीने में दो बार झारखंड का दौरा कर चुके हैं। वे इस दौरान लगातार कांग्रेस के मंत्रियों और विधायकों से मुलाकात भी की है। कांग्रेस के भीतरखाने इस बात की चर्चा तेज है कि कांग्रेस अपने कोटे में एक और मंत्री की मांग कर रहा है। इसके साथ ही निगम, बोर्ड और 20 सूत्री कमेटियों में भी कांग्रेस के विधायक अपना दावा कर रहे हैं।
बोर्ड में चेयरमैन के पद हैं खाली
सरकार गठन के एक साल के बाद भी अभी तक राज्य में महिला आयोग से लेकर खादी बोर्ड और शहरी विकास से संबंधित आधा दर्जन से ज्यादा बोर्ड और निगम में चेयरमैन के पद खाली हैं। यहां किसी की नियुक्ति नहीं हो पाई है। यहां JMM के साथ कांग्रेस के विधायकों की भी नजर है। कांग्रेस के विधायक खुले तौर पर अपने प्रदेश प्रभारी के सामने अपनी मांग रख चुके हैं कि जो विधायक मंत्री नहीं बन पाए हैं उन्हें बोर्ड और निगम में जिम्मेदारी दी जाए।
कांग्रेस कोटे से 4 और JMM कोटे से 6 मंत्री हैं
महागठबंधन की सरकार में JMM कोटे से मुख्यमंत्री को मिलाकर 6, कांग्रेस से 4 और राजद से 1 मंत्री हैं। JMM कोटे के एक मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का निधन कोरोना के कारण हो गया था। दूसरे जगरनाथ महतो बीमार चल रहे हैं। राज्य में 12 मंत्रियों का कोटा है और अभी 10 मंत्री हैं। ऐसे में दो मंत्रियों की जगह अभी भी खाली हैं। इन्हीं में एक कांग्रेस अपने कोटे में मांग रही है। कांग्रेस का एक तर्क ये भी है कि विधानसभा अध्यक्ष भी JMM के कोटे के ही हैं।