सिमडेगा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आशा देवी की अदालत ने दुष्कर्म के एक आरोपी को दस साल की सजा सुनाई. साथ ही 11 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माने की राशि अदा नहीं करने की स्थिति में छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. 15 अगस्त 2016 को युवती अपने घर में अकेली थी. इसी बीच डिप्टीटोली सिमडेगा निवासी विरेंद्र मिंज वहां पहुंचा और युवती के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया. युवती द्वारा हो हल्ला करने पर उसने उसे शादी का झांसा दिया. इसके बाद युवती शांत हो गयी. इसी प्रकार वह शादी का झांसा देकर वर्ष 2017 तक लगातार युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा.
शादी के लिये युवती ने जब दबाव बनाया तो युवक ने शादी करने से इनकार कर दिया. इसके बाद युवती ने जुलाई 2017 में न्यायालय में परिवाद पत्र दायर किया. इसके बाद युवक को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया. उक्त मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने सभी गवाहों के बयान एवं दोनो पक्षों की दलीलें सुनने के बाद उक्त सजा सुनाई. इस मामले में अभियोजन पक्ष से प्रभारी लोक अभियोजक सुभाष प्रसाद ने दलीलें पेश की.