बोकारो: बोकारो में रहने वाले एक शख्स ने महामारी के इस मुश्किल वक्त में अनोखी मिसाल पेश की है. देवेंद्र नाम के इस शख्स ने अपने दोस्त की जान बचाने के लिए झारखंड के बोकारो से नोएडा का 1400 किलोमीटर का सफर पूरा किया और सही समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाया.
देवेंद्र इंडस्ट्रियल टाउनशिप के सेक्टर 4 में रहते हैं और पेशे से शिक्षक हैं. वहीं उनका दोस्त रंजन अग्रवाल दिल्ली की एक आईटी कंपनी में काम करता है और फिलहाल वो नोएडा में रह रहा है. देवेंद्र के मुताबिक, उन्हें अपने दोस्त के कोरोना संक्रमित होने और अस्पताल में एडमिट होने की जानकारी मिली. देवेंद्र ने बताया कि उनके दोस्त रंजन का ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरता जा रहा था और उनके लिए ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं हो पा रहा था.
वहां के डॉक्टरों ने बताया कि रंजन की जान बचाने के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था करनी पड़ सकती है. देवेंद्र के मुताबिक, पहले तो उन्होंने नोएडा में ऑक्सीजन की व्यवस्था करने की पूरी कोशिश की लेकिन किसी भी तरीके से जब ऑक्सीजन नहीं मिल पाई तो वह रविवार की दोपहर कार से नोएडा के लिए निकल गए.
ऑक्सीजन सिलेंडर मिलना इतना आसान नहीं था
देवेंद्र ने बताया कि बोकारो में भी ऑक्सीजन सिलेंडर मिलना इतना आसान नहीं था. देवेंद्र ने कई ऑक्सीजन सप्लायर से बात की लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें ऑक्सीजन रीफिल करने के लिए एक खाली सिलेंडर की जरूरत पड़ेगी.
देवेंद्र ने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और लगातार कोशिश करते रहें. उन्होंने अपने आखिरी प्रयास के तौर पर एक अन्य मित्र के सहारे बियाडा स्थित झारखंड इस्पात ऑक्सीजन प्लांट के संचालक से संपर्क कर उन्हें अपनी जरूरत बताई. यहां संचालक राजेश ने उनकी मदद की लेकिन सिलेंडर की कीमत सिक्योरिटी मनी के तौर पर पैसे जमा करने की शर्त रखी. यहां देवेंद्र ने जंबो सिलेंडर के लिए 10 हजार रुपये दिए. जिसमें से 9600 रुपये केवल सिलिंडर वापस लौटाने के तौर पर लिए गए, जबकि ऑक्सीजन की कीमत केवल 400 रुपये था.
मरीज की हालत अब स्थिर है
देवेंद्र ने बताया कि उसे जैसे सिलिंडर मिला वो नोएडा की लंबी यात्रा के लिए निकल गए. उन्होंने बताया कि उन्हें बिहार और यूपी बॉर्डर पर दो बार पुलिस द्वारा रोका गया, लेकिन उसने अपने दोस्त की दुर्दशा के बारे में बताने के बाद आगे बढ़ने की अनुमति मांग ली. उन्होंने कहा “मेरा दोस्त अब स्थिर है. मैं नोएडा में तब तक रहूंगा जब तक वह पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाता.”