रांची। झारखंड में मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना बंद हो चुकी है। किसानों के कर्ज माफी की योजना पर अब तक अमल नहीं हुआ है और किसानों को अनुदानित दर पर मुहैया कराए जाने वाले बीज का बजट 20 करोड़ से घटकर 15 करोड़ हो गया है। बाजार में बीज उपलब्ध भी नहीं, 90 फीसद किसान बाजार से बीज खरीदने को मजबूर हैं। जाहिर है किसानों के दर्द को समझने का दावा करने वाली सरकार के प्रयास सिर्फ जुबानी जमा खर्च तक सीमित हैं और राज्य में किसान अपने बूते ही खेती कर रहे हैं।
मानसून के समय पर आने के बाद भी सीमित किसानों तक सरकारी बीज की पहुंच राज्य की मुख्य फसल धान समेत अन्य फसलों के लक्ष्य को प्रभावित कर सकती है। राज्य में पैक्स व लैम्पस के माध्यम से किसानों को अनुदानित दर पर बीज मुहैया कराए जाने का प्रावधान है लेकिन ज्यादातर जगहों पर बीच उपलब्ध नहीं। मानसून समय से पूर्व आ चुका है, खेत लगभग तैयार हैं।
ऐसे में किसान के पास इंतजार करने का समय नहीं और वह ऊंची दर पर बाजार से बीज खरीदने को मजबूर है। फिलहाल किसानों के बीच 26677 क्विंटल धान, 5310 क्विंटल मक्का, 1700 क्विंटल, अरहर, 15745 क्विंटल उड़द, 980 क्विंटल मूंग व 810 क्विंटल मूंगफली का बीज 50 फीसद अनुदान पर मुहैया कराया जा रहा है। करीब 37 हजार क्विंटल बीज का ही वितरण इस बार किसानों के बीच हो सकेगा, जबकि गत वर्ष यह आंकड़ा 73 हजार क्विंटल से अधिक था। वजह बजट की राशि में कटौती है।
प्रति हेक्टेयर 70-100 किग्रा बीज की जरूरत
धान की खेती के लिए बीज की क्वालिटी के अनुसार प्रति हेक्टेयर 70-100 किग्रा बीज की आवश्यकता होती है। राज्य सरकार ने 1800 हजार हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसे आधार बनाया जाए तो किसानों को सिर्फ धान के लिए 12,60,000 क्विंटल से लेकर 18,00,000 हजार क्विंटल बीज की आवश्यकता है। जबकि मुहैया महज 26677 क्विंटल बीज ही कराया जा रहा है।
राज्य में खेती की मौजूदा स्थिति
फसल लक्ष्य आच्छादन प्रतिशत
धान 1800.00 134.878 7.49
मक्का 312.56 102.893 32.92
दलहन 612.90 43.694 8.76
तेलहन 60.00 9.140 15.23
मोटा अनाज 42.00 1.514 3.60
कुल 2827.46 316.519 11.19