कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है. परिवहन पूरी तरह से बंद है, श्रमिक स्पेशल ट्रेन को छोड़कर कोई भी ट्रेन नहीं चल रही है, जो ट्रेनें चलाने की बात हो रही थी उसपर विराम लगाते हुए भारतीय रेलवे ने 30 जून 2020 को या उससे पहले की सभी टिकटों को रद्द कर दिया है. 30 जून 2020 तक बुक किए गए सभी टिकटों पर रिफंड मिलेगा. सभी स्पेशल ट्रेनें और श्रमिक स्पेशल ट्रेनें पहले की तरह ही चलेंगी.
बिहार के लिए चलेंगी 4 स्पेशल ट्रेनें
यूपी के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रह रहे प्रवासी मजदूरों के लिए शनिवार से ट्रेनें चलाई जाएंगी. बिहार के मजदूरों के लिए पहले चरण में चार ट्रेनों चलेंगी. गौतमबुद्धनगर के दादरी और दनकौर रेलवे स्टेशनों से 16 मई ये ट्रेनें चलेंगी. इन ट्रेनों से प्रवासी मजदूरों को बिहार भेजा जाएगा. दादरी स्टेशन से दिन के 11 बजे औरंगाबाद और 3 बजे सासाराम के लिए स्पेशल ट्रेन चलेगी. वहीं, दनकौर से दोपहर 2 बजे और शाम 4 बजे एक एक ट्रेनें चलेंगी. रजिस्ट्रेशन करा चुके लोगों को पहले भेजा जाएगा.
रेलवे स्टेशन पर मिलेगी बस, घर पहुंचना होगा आसान
स्पेशल ट्रेनों से यात्रा करने वाले मुसाफिरों को स्टेशन पहुंचकर घर जाने के लिए सवारी का इंतजाम नहीं करना पड़ेगा. केंद्र सरकार राज्यों को मंजूरी दी है कि वे रेलवे स्टेशन पर पहुंचने वाले यात्रियों को घर तक पहुंचाने के लिए बस चला सकते हैं. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करना होना. ये बस सेवा कंफर्म ई टिकट वाले यात्रियों को ही मिल पाएगी.
रेलवे को 1,000 से ज्यादा श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की राज्यों से अनुमति मिली
भारतीय रेल को पिछले 15 दिन में प्रवासी कामगारों को घर पहुंचाने के लिए राज्यों से 1,000 से ज्यादा ट्रेनों के परिचालन की अनुमति मिली है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, सबसे ज्यादा संख्या में प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश लौटे हैं, वहीं अपने लोगों को वापस बुलाने में बिहार दूसरे नंबर पर है. आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम बंगाल ने आठ, राजस्थान ने 23, झारखंड ने 50 और ओडिशा ने 52 ट्रेनों के परिचालन की अनुमति दी है. भारतीय रेल कोविड-19 लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी कामगारों को उनके घर पहुंचाने के लिए एक मई से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही है. रेलवे ने अभी तक 932 ट्रेनों के जरिये 12 लाख से ज्यादा प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया है.