पटना: पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिपरिषद विस्तार किया जा रहा है. जिसमें बिहार से दो लोगों को कैबिनेट में जगह मिली है. एक हैं जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह तो दूसरे पशुपति कुमार पारस. कुछ दिनों पहले ही केंद्रीय मंत्री और लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति कुमार पारस लोजपा से चिराग को बेदखल कर खुद ही अध्यक्ष व संसदीय दल के नेता बन गए थे.
आइए जानते हैं पारस के राजनैतिक करियर
लोजपा के संस्थापक और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष दिवंगत रामविलास पासवान के तीन भाइयों में से छोटे हैं. दो भाई राम विलास पासवान और रामचंद्र पासवान का निधन हो चुका है. सांसद बनने से पूर्व पारस नीतीश सरकार में मंत्री पद का भी कार्यभार संभाल चुके हैं. वह अलौली विधानसभा सीट से 5 बार विधायक रह चुके हैं. साल 1977 में उन्होंने पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता था.
अलौली से पशुपति कुमार पारस पांच बार विधायक रह चुके हैं. जेएनपी उम्मीदवार के रूप में उन्होंने 1977 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता था. तब से वे एलकेडी, जेपी और एलजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ते रहे हैं. बिहार सरकार में वे पशु और मछली संसाधन विभाग के मंत्री के रूप में कार्य किया है.