वर्मा महतो की पत्नी ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे को काफी समझाया कि उसके पिता के कोरोना से संक्रमित होने की खबर झूठी है. कोरी अफवाह है, लेकिन उनकी बात पर विश्वास करने की बजाय उसने अफवाह को सच मान लिया और परेशान होकर अपनी जान दे दी.
मृतक की मां ने बताया कि यह अफवाह गांव के ही कुछ युवकों ने फैलायी थी. इससे प्रधुम परेशान था. शनिवार की रात नौ बजे वह घर से निकला. इसके बाद लौटा ही नहीं. रविवार सुबह उसकी दादी ने गौहाल (पशु रखने का घर) खोला, तो देखा कि प्रधुम साड़ी के फंदे से झूल रहा था. प्रधुम की मां विमला महतो ने बताया कि उनके पति वर्मा महतो मध्यप्रदेश में नौकरी करते हैं. लॉकडाउन में काम बंद होने के बाद पैदल घर लौट रहे थे. तभी रास्ते में छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में उन्हें प्रशासन ने रोक लिया. इसके बाद बस से वे रांची पहुंचे थे.
फिलहाल उन्हें रांची के संत जोसेफ बालिका मध्य विद्यालय के क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया है. वहां पोड़ाहाट गांव के अन्य आठ लोग भी क्वारेंटाइन हैं. इस कारण वह घर नहीं पहुंच सके. घटना के बाद पोड़ाहाट के मुखिया अजीत मांझी ने मंत्री जोबा मांझी से गुहार लगायी है कि बेटे के अंतिम दर्शन के लिए उसके पिता को रांची से सोनुआ लाया जाये. प्रधुम की मां विमला देवी ने बताया कि मजाक में कही गयी एक बात ने उनके बेटे के दिमाग पर गहरा असर डाला था. इस अफवाह की वजह से वह काफी दबाव में था. पिता के लॉकडाउन में फंसने को लेकर प्रधुम परेशान था. शनिवार को गांव के कुछ युवकों ने उसके पिता के कोरोना संक्रमित होने की अफवाह फैला दी. यह बात उसने मुझे बतायी, तो समझाया कि यह बात झूठ है. उसके पिता स्वस्थ हैं. इसके बाद भी उसने खुदकुशी कर ली.