रांची: कोरोना महामारी के इस दौर में अगर किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आ जाए तो उसका दहशत के मारे बुरा हाल हो जाता है और अगर उन्हीं की रिपोर्ट अगले दिन नेगेटिव बता दी जाए तो उनके गुस्से का अंदाज लगाया जा सकता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहां एक गर्भवती महिला पुष्पा देवी को सीएचसी अनगड़ा से करीब 10 दिन पहले कोरोना पॉजिटिव बता कर प्रसव कराने से इंकार कर दिया गया। समय पर इलाज नहीं हो पाने के कारण महिला के नवजात बच्चे की मौत हो गई। इधर घटना के बाद महिला ने रिम्स में अपना इलाज करवाया। इलाज के दौरान रिम्स में महिला की कोरोना जांच की गई तो रिपोर्ट नेगेटिव आया। महिला की माने तो सीएचसी अनगड़ा में इलाज के नाम पर बरती गई अनावश्यक देरी के कारण ही उसके बच्चे की मौत हो गई। पीड़िता ने दोषी स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।
कुछ ऐसा है मामला
रामदगा निवासी पुष्पा देवी ने बताया कि वह दूसरी बच्चे की मां बनने वाली थी। प्रसव पीड़ा होने के बाद वह इलाज कराने पीएचसी अनगड़ा पहुंची थी। जंहा उसका कोरोना जांच किया गया। कुछ देर के बाद उसे कोरोना पॉजिटव होने की बात बताई गई। कोरोना पॉजिटव होने की खबर से स्वास्थ्य कर्मी अनावश्यक रूप से इलाज करने में देर करने लगे। बाद में रिम्स पहुंचने के दौरान ट्रॉली में ही बच्चे का जन्म हो गया। सही समय पर इलाज नहीं हो पाने के कारण बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि रिम्स में महिला का अच्छे से इलाज हुआ। पुष्पा देवी ने आरोप लगाया है कि सीएचसी अनगड़ा के द्वारा इलाज में बरती गई देरी की वजह से मेरे बच्चे की मौत हो गई। जबकि वह लगातार इस दौरान प्रसव पीड़ा से तड़प रही थी।
चिकित्सा प्रभारी अमरेंद्र प्रसाद
कोरोना मरीज का इलाज नहीं करने का आरोप बेबुनियाद है। किट मशीन में गड़बड़ी हो सकती है। पीड़िता के पहले बच्चे का जन्म सिजोरियन हुआ था। ऐसे में रिक्स लेना ठीक नही था। बेहतर इलाज के लिए ही रिम्स रेफर किया गया था।