रांची. नोएडा की रहने वाली 12 साल की निहारिका द्विवेदी ने 48 हजार रुपए की मदद कर तीन प्रवासी झारखंडियों को फ्लाइट से उनके घर झारखंड भिजवाया है। सातवीं की छात्रा की इस मदद की खबर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि इस छोटी से उम्र में ऐसी संवेदनशीलता के लिए निहारिका बिटिया का आभार। आपके उज्जवल भविष्य के लिए मेरी हार्दिक शुभकामानाएं।
निहारिका ने पिगी बैंक में बचाए थे 48 हजार रुपए
निहारिका ने 48 हजार रुपए अपन पिगी बैंक (गुल्लक) में बचाकर रखा था। उन्होंने बताया कि समाज ने हमलोगों को बहुत कुछ दिया है, ऐसे में हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि इस संकट की घड़ी में हम भी समाज को कुछ वापस करें। उन्होंने बताया कि जिन तीन प्रवासी मजदूरों की उन्होंने मदद की उनमें एक कैंसर का मरीज भी है।
निहारिका के मुताबिक, उन्होंने पिछले दो साल में अपने पिगी बैंक में 48 हजार 530 रुपए जमा किए थे। न्यूज चैनल्स पर मजदूरों के संघर्ष की कहानी देखकर उन्हें लगा कि इन्हें घर पहुंचाने में मदद की जानी चाहिए। मजदूरों ने समाज निर्माण में अपना योगदान दिया है और हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम इस संकट में उनकी मदद करें। मैंने 48 हजार 530 रुपए पॉकेट मनी से जमा किए थे,जिसे मैंने तीन प्रवासियों की मदद करने में खर्च कर दिया। निहारिका की मां सुरभि द्विवेदी ने कहा कि हम देख रहे थे कि जब भी वह (निहारिका) मजदूरों के बारे में खबरें देखती थीं तो वह दुखी हो जाती थीं। एक दिन उसने एक हवाई जहाज देखा और हमसे पूछा कि क्या हम उड़ान से जरूरतमंद लोगों को भेज सकते हैं? उसने हमें अपना गुल्लक दिया और कहा कि मैं मजदूरों की मदद करना चाहती हूं और हमें अपनी 12 साल की बेटी से यह सुनकर गर्व और खुशी हुई।
उन्होंने कहा कि इसके बाद हमने अपने दोस्तों से तीन प्रवासियों के बारे में पूछताछ की और पता लगाया जो अपने घरों में वापस जाना चाहते थे। इस दौरान तीन मजदूरों के बारे में पता चला जिनमें एक कैंसर का मरीज है। फिर हमने निहारिका के पिगी बैंक से रुपए निकाले और फ्लाइट टिकट की व्यवस्था की और उन्हें घर भेज दिया।
नेशनल लॉ स्कूल के पूर्व छात्रों ने भी की थी मदद
इससे पहले नेशनल लॉ स्कूल बंगलुरू के पूर्ववर्ती छात्रों ने दो बार में मुंबई में फंसे 360 प्रवासी मजदूरों को झारखंड पहुंचाने में मदद की थी। छात्रों ने रुपए जुगाड़ कर लॉकडाउन में फंसे प्रवासियों को फ्लाइट से रांची आने में मदद की थी। पूर्ववर्ती छात्रों की मदद से एक फ्लाइट 180 प्रवासियों को लेकर 28 मई जबकि दूसरी फ्लाइट 180 प्रवासियों को लेकर 31 मई को रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंची थी।